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सुपौल टाइम्स

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ऋण माफी को लेकर चौघारा में जन सत्याग्रह सह न्याय पदयात्रा का हुआ आयोजन

 


  • कर्ज मुक्ति गरीबों का हक-डॉ. अमन  
  • ऋण माफी वर्तमान समाज की जरूरत- डॉ. अमन

सुपौल। जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर पूरब चौघारा ग्राम में सोमवार को ऋणी परिवार को वाजिब अधिकार दिलाने और सामाजिक न्याय की मांग सरकार से करने के उद्देश्य से जन सत्याग्रह व न्याय पदयात्रा का आयोजन किया गया। शम्भू यादव के संचालन में आयोजित जन सत्याग्रह को संबोधित करते हुए लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने कहा कि ऋणी परिवार की पीड़ा को सरकार तक पहुँचाने के उद्देश्य से बिहार में लोन माफ़ी आंदोलन चलाया जा रहा है। जो जाति, पार्टी और धर्म से ऊपर है। 

कहा कि हमारा मकसद किसी पार्टी के समर्थन या सरकार के खिलाफ नहीं है। बल्कि लोन पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाना है। ऋणी का दुख बहुत ही पीड़ादायक है। कर्ज से दबे परिवार को ऋण वसूली कर्त्ता शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। जिस के कारण ऋण से पीड़ित परिवार आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। ऋणी घर छोड़कर अन्य प्रदेश पलायन करने के लिए लाचार हैं। ऐसी परिस्थितियों में कर्ज मुक्ति गरीबों का हक है। ऋण माफी वर्तमान समाज की जरूरत है। 

डॉ. अमन कुमार ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा ऋणकर्ता को वित्तीय शिक्षण, शिकायत निवारण, निष्पक्ष व्यवहार, गोपनीयता, ऋण का पूर्व भुगतान तथा असमर्थ स्थिति में ऋण की माफी अधिकार प्राप्त है। आरबीआई के द्वारा ऋण कर्ता के अधिकारों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं। डॉ. कुमार ने कहा कि ऋणकर्ता को गाली गलौज देने का अधिकार वसूली स्टाफ को नहीं है। वसूली एजेंट का काम ऋण की वसूली करना है। लेकिन उन्हें ऋणकर्ता के साथ सम्मानजनक और पेशेवर तरीके से व्यवहार करने का प्रावधान है। उन्हें किसी भी तरह की धमकी या उत्पीड़न करने का कोई हक नहीं है।

कहा क‍ि  प्रत्येक ऋणी को ऋण की राशि, ब्याज दर और ऋण की शर्तें जानने का हक है। ऋणकर्ता को वसूली कर्ता के आईडी कार्ड या अन्य पहचान हेतु दस्तावेज देखने का अधिकार प्राप्त है। वसूली एजेंट के द्वारा ऋणकर्ता के साथ दुर्व्यवहार करने या उनके अधिकारों को कुचलने की स्थिति में वसूली एजेंट के खिलाफ पुलिस प्रशासन व अन्य अधिकारी के समक्ष शिकायत करने का अधिकार आम जनों को प्राप्त है। सरकार से गुजारिश करते हुए कहा कि आर्थिक राहत, गरीबी उन्मूलन, मानवाधिकारों की रक्षा, सामाजिक न्याय, वित्तीय स्थिरता, आर्थिक विकास, मानसिक तनाव से मुक्ति, जीवन स्तर में सुधार, सामाजिक सुरक्षा में वृद्धि और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए गरीब, किसान, बेरोजगार छात्र, युवा सहित महिलाओं का 10 हजार से 5 लाख रुपया तक का लोन सरकार को माफ करना चाहिए। 

न्याय सत्याग्रह में सुधीर मिश्रा, कृष्ण कुमार, शंभू यादव, गणेश यादव, फुलेंद्र यादव, दिनेश मेहता, प्रदीप शर्मा, रामबिलास यादव, कार्तिक शर्मा, मो॰ साबिर, सत्यनारायण यादव, चन्देश्वरी सादा, गोविन्द साह, नागो साह, सिकेन्द्र यादव, रंजीत कुमार, छोटू शर्मा, सीमा देवी, पुष्पा देवी, सपना देवी, शांति देवी, रंजू देवी, सोनी देवी, रूपम कुमारी, रेखा देवी आदि ने विचार व्यक्त कर माइक्रो फाइनेंस कंपनी के क्रियाकलाप पर नाराजगी व्यक्त किया।  



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