सुपौल। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव गुरुवार की शाम अपने तय कार्यक्रम के तहत छातापुर पहुंचे। यहां उन्होंने मुख्यालय स्थित खाद व्यवसायी पंकज कुमार भगत के घर जाकर उनकी मां रामदुलारी देवी के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की। इसके बाद वे महद्दीपुर बाजार निवासी कासिम खान के पुत्र अफजल खान के निकाह उपरांत आयोजित रिसेप्शन पार्टी में शामिल हुए और नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देते हुए सुखद वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दीं।
इसके उपरांत पत्रकारों से बातचीत में सांसद पप्पू यादव ने इलाके में तेजी से फैल रहे ड्रग्स के कारोबार पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में 90 प्रतिशत किशोर और युवा वर्ग ड्रग्स, स्मैक, गांजा, सुलेशन, व्हाइटनर जैसे नशीले पदार्थों के गिरफ्त में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और तस्करों की मिलीभगत से यह धंधा फल-फूल रहा है और नशा अब पुलिस के लिए कमाई का जरिया बन गया है।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक अवैध धंधा नहीं बल्कि गहरी साजिश है, ताकि युवाओं की विद्रोही सोच, अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की ताकत को खत्म किया जा सके। सांसद ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए सामाजिक स्तर पर संगठित प्रयास की आवश्यकता है। वे इस विषय को संसद में भी उठाते रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 24 अप्रैल को मधुबनी दौरे पर सवाल खड़ा करते हुए पप्पू यादव ने कोशी, सिमांचल और मिथिलांचल के लिए विशेष पैकेज की मांग की। उन्होंने पूछा कि क्या पीएम वहां की बंद चीनी मिलें, मधुपुर दूध फैक्ट्री और एशिया के सबसे बड़े पेपर मिल को फिर से चालू करने की घोषणा करेंगे?
सांसद ने कहा कि बाढ़ से स्थायी निजात के लिए नदियों को जोड़ने और हाईडैम निर्माण की योजनाएं सिर्फ चर्चा तक सिमटी रह गई हैं। उन्होंने बताया कि भीमनगर से कुरसेला तक रेललाइन की योजना के लिए 20 साल पहले शिलान्यास हुआ था, पर अब जाकर उनके प्रयास से 170 करोड़ रुपये मंजूर हुए।
उन्होंने यह भी बताया कि उनके प्रयास से ही बीरपुर और सहरसा को उड़ान योजना में शामिल किया गया है और वे रेल व सड़क कनेक्टिविटी को लेकर लगातार संघर्ष करते रहेंगे। डोमिसाइल नीति पर उन्होंने कहा कि वे विरोधी नहीं हैं, लेकिन बिहार के युवाओं को 80% अवसर मिलना चाहिए। अंत में उन्होंने पीएम से मांग की कि इन क्षेत्रों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज और सुपर कमिटी का गठन हो, ताकि पलायन, गरीबी और बेरोजगारी पर रोक लगाई जा सके।
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