सुपौल। अनूप लाल यादव महाविद्यालय त्रिवेणीगंज के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में "सामाजिक संरचना में हिंदी साहित्य के महत्व" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयदेव प्रसाद यादव के संरक्षण एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. देवनारायण यादव की अध्यक्षता में किया गया।कार्यशाला का संचालन IQAC समन्वयक प्रो. अशोक कुमार ने किया।
कार्यशाला में वक्ताओं ने हिंदी साहित्य के सामाजिक योगदान पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिंदी साहित्य समाज को समझने, सुधारने एवं जागरूक करने का सशक्त माध्यम है। साहित्य सामाजिक समस्याओं को उजागर करता है और उनके समाधान की दिशा भी दिखाता है। यही कारण है कि साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता है।
हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. देवनारायण यादव, प्रो. रामचंद्र प्रसाद एवं प्रो. तरुण कुमार सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए हिंदी साहित्य के सामाजिक सरोकारों की प्रासंगिकता पर विचार साझा किए।
इस अवसर पर प्रो. अरविंद कुमार, प्रो. विनोद कुमार विमल, निशांत कुमार, रोशन कुमार, अंजलि, ज्योति, पुष्पा, प्रियंका, लकी, रितु, निशा, निभा, पलक, शिवानी, स्वाती, प्रतिभा, दामिनी, अंकित, राहुल, मनीष, रोहित, नीतीश, अमन, मनखुश, आशा, अभिलाषा, अमीषा, अर्चना, मदन कुमार सहित अनेक छात्र-छात्राएं और शिक्षकगण उपस्थित थे।
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