सुपौल। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र के सरायगढ़ और चांदपीपर पंचायत के किसानों के लिए हाल की बेमौसम बारिश भारी मुसीबत बनकर आई है। बारिश के कारण खेतों में पानी का जमाव हो गया, जिससे दर्जनों एकड़ में लगी मकई की फसल सूखकर पूरी तरह बर्बाद हो गई।
सरायगढ़ पंचायत के वार्ड संख्या 8, 9, 10, 11 और 15 के किसान विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं। खेतों में अधिक मात्रा में पानी भर जाने के कारण लंबे समय तक जलनिकासी नहीं हो पाई, जिससे मकई की फसल सड़ने लगी और आखिरकार सूखकर बर्बाद हो गई।
प्रभावित किसानों में लक्ष्मण यादव, ललन यादव, रामाधार यादव, मुक्ति लाल यादव, अनन देवी, रामचंद्र मंडल, राम सुंदर मुखिया, विपिन कुमार, रामचंद्र यादव, जनार्दन यादव, रामधीन यादव, प्रमोद यादव, चतुरानन यादव, प्रभास कुमार, मिथिलेश कुमार सहित अन्य ने बताया कि पानी निकालने के लिए कई दिनों तक पंप सेट का सहारा लिया गया, लेकिन नतीजा नहीं निकला।
किसानों का कहना है कि इस बार उन्होंने प्रति किलो 1200 रुपये तक की कीमत पर बीज खरीदे थे। साथ ही डीएपी, यूरिया और अन्य खादों पर भी भारी खर्च किया गया। इस साल फसल की गुणवत्ता भी काफी अच्छी थी, लेकिन बारिश ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि फसल की क्षति का सर्वे कराया जाए और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे आर्थिक संकट से उबर सकें।
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