सुपौल। गुरुवार की अहले सुबह आई तेज आंधी, मूसलधार बारिश और ओलावृष्टि ने जिले के किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सबसे अधिक असर गेहूं की फसल पर पड़ा है, जो कटाई के लिए पूरी तरह तैयार थी। किसानों के अनुसार अब तक केवल 25 प्रतिशत गेहूं की कटाई हो सकी थी, शेष फसल या तो खेतों में खड़ी थी या काटकर तैयार रखी गई थी।
खड़ी फसल को जहां ओलावृष्टि ने नुकसान पहुंचाया, वहीं कटी हुई फसल तेज बारिश में भीग गई। इसके अलावा मक्का की फसल को भी काफी क्षति हुई है। किसानों का कहना है कि महंगे बीज, खाद, पटवन और खेत की जुताई में पहले ही काफी खर्च हो चुका था। अब जब फसल घर लाने का समय आया, तो प्रकृति की मार ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसान सरकार से शीघ्र सहायता की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
फसल क्षति को लेकर जब अंचल अधिकारी उमा कुमारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कृषि विभाग को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। राजस्व कर्मचारी और कृषि विभाग के कर्मी संयुक्त रूप से सर्वेक्षण करेंगे और क्षति की रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। सरकार के निर्देशानुसार मुआवजा प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
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