सुपौल। जिला अतिथि गृह में मंगलवार को बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी कौशल कुमार, पुलिस अधीक्षक शैशव यादव समेत जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी, कृषि एवं खनन विभाग के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग की योजनाओं की गहन समीक्षा की। जिला कृषि पदाधिकारी से फसल क्षति एवं बीज वितरण की अद्यतन जानकारी ली गई। उन्हें सब्जीधारक और विभागीय कर्मियों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करने और टास्क फोर्स को सक्रिय बनाए रखने का निर्देश दिया गया। पौधा संरक्षण योजना और मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थिति की समीक्षा करते हुए किसानों के बीच जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया गया।
इसके साथ ही, उर्वरक की सही खपत का आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने और आलू, मेंथा, खस, लेमन ग्रास जैसी उद्यानिक फसलों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए।
खनन विभाग की समीक्षा करते हुए उप मुख्यमंत्री ने अवैध खनन एवं परिवहन पर पूर्ण रूप से रोक लगाने का निर्देश दिया। सहायक निदेशक, खनन को सख्त हिदायत दी गई कि सभी कार्य विभागों में केवल वैध चालान से ही खनिज आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। निर्देश में यह भी कहा गया कि यदि किसी संवेदक द्वारा अवैध आपूर्ति पाई जाती है, तो उसके विरुद्ध 25 गुना जुर्माना लगाया जाएगा। कार्य विभागों में प्रयुक्त लघु खनिजों के चालान की जांच भी अनिवार्य रूप से करने को कहा गया।
साधारण मिट्टी के निजी उपयोग पर रॉयल्टी नहीं लिए जाने की घोषणा करते हुए उप मुख्यमंत्री ने इसके प्रचार-प्रसार के लिए माइकिंग कराने का आदेश दिया। वहीं, अगर किसी रैयत द्वारा मिट्टी की बिक्री या व्यवसाय किया जाता है, तो उनसे रॉयल्टी की वसूली की जाएगी।
जिला कृषि पदाधिकारी को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों — बसंतपुर, छातापुर, निर्मली, मरौना, किशनपुर आदि — की रैयती भूमि पर जमा बालू, धूस मिट्टी एवं गाद का सर्वेक्षण कराने का निर्देश भी दिया गया।
इस अवसर पर बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के माननीय मंत्री नीरज कुमार सिंह भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में लिए गए निर्णयों को जमीन पर उतारने के लिए संबंधित विभागों को शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
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