सुपौल। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय सरायगढ़ की शिक्षिका बबीता कुमारी ने शिक्षा के क्षेत्र में एक सराहनीय पहल करते हुए कोसी से विस्थापित बस्ती, जो एनएच 27 स्पर पर स्थित है, में जनसंपर्क अभियान चलाया। इस बस्ती में रहने वाले दलित, महादलित और मुस्लिम परिवारों के बीच जाकर उन्होंने बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का संदेश दिया।
अभियान के दौरान उन्होंने 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को नजदीकी विद्यालयों में निशुल्क नामांकन करवाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं जैसे पोशाक, छात्रवृत्ति, मध्यान भोजन आदि के बारे में भी जानकारी दी।
बबीता कुमारी ने विशेष रूप से उन बेटियों का उल्लेख किया जो किसी कारणवश पढ़ाई से वंचित रह गई हैं। उन्होंने उन्हें कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में उपलब्ध रहने, खाने, पढ़ाई, पुस्तकें, पोशाक और छात्रवृत्ति जैसी सुविधाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि बेटी होना बोझ नहीं, वरदान है।
उन्होंने सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न प्रोत्साहन और कल्याणकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी और समुदाय से अपील की कि वे अपने बच्चों को शिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं।
इस अवसर पर स्थानीय लोग जैसे रामानंद सदा, किसनी देवी, मो. गुलशन, शंभू राम, सिकंदर कुमार, बेचनी कुमारी, बीबी रवीना खातून सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।
कोई टिप्पणी नहीं