सुपौल। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार के निदेशक करनजीत सिंह बुधवार की शाम छातापुर पहुंचे। रामपुर स्थित प्लास्टिक दाना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का निरीक्षण करते हुए उन्होंने कार्य प्रणाली की सराहना की। उनके साथ मंत्रालय के क्षेत्रीय सलाहकार रूसी सिंह, एलएसबीए की जिला समन्वयक सुमन कुमारी और प्लांट के निदेशक वीरेंद्र कुमार भी उपस्थित थे।
निरीक्षण के दौरान निदेशक ने प्लांट में तैयार हो रहे प्लास्टिक दानों की गुणवत्ता को नजदीक से देखा और खुशी व्यक्त की। उन्होंने निर्माण प्रक्रिया, कचरा संग्रहण से लेकर तैयार उत्पाद की मार्केटिंग तक के हर पहलू की विस्तृत जानकारी ली। निदेशक और अन्य अधिकारियों का स्वागत फूलमाला, शॉल और बुके के साथ किया गया।
जिला समन्वयक सुमन कुमारी ने बताया कि यह निरीक्षण स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण द्वितीय चरण के अंतर्गत किया गया। टीम दिल्ली से दो दिवसीय दौरे पर सुपौल पहुंची थी, जिसके तहत उन्होंने छातापुर प्लांट सहित अमहा पंचायत स्थित गोवर्धन प्लांट और पीपरा स्थित पीडब्लूएमयू यूनिट का भी निरीक्षण किया।
निदेशक करनजीत सिंह ने प्लांट की कार्यशैली को मॉडल मानते हुए भविष्य में और यूनिट खोलने के लिए हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया। प्लांट के निदेशक वीरेंद्र कुमार ने बताया कि फिलहाल उनका उद्देश्य सुपौल जिला को प्लास्टिक कचरे से मुक्त बनाना है, जिसमें जिला प्रशासन का भरपूर सहयोग मिल रहा है।
गौरतलब है कि 13 फरवरी को जिलाधिकारी कौशल कुमार ने भी प्लांट का निरीक्षण कर इसे सराहा था, जिसके बाद प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत एमएसएमई मंत्रालय द्वारा प्लांट को ऋण मुहैया कराया गया। निरीक्षण के मौके पर रूपेश राणा, गणेश कुमार, राजेंद्र मंगरदैता, विपीन उपरोझिया, देवचंद भींडवार, सुभाष विराजी और अरुण कुसियैत सहित कई लोग उपस्थित थे।
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