सुपौल। भारत रत्न, संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती सोमवार को निर्मली स्थित राजकीय अंबेडकर कल्याण छात्रावास एवं अंबेडकर भवन में श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित समारोह में बाबासाहेब के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया और उनके विचारों को आत्मसात करने का आह्वान किया गया।
राजकीय अंबेडकर कल्याण छात्रावास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में निर्मली बीडीओ आरुषि शर्मा, डॉ. निराला कुमार, फेकन बैठा, हरेराम साफी, कृष्णा चौधरी, छात्रावास अधीक्षक राजीव कुमार समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अतिथियों का पारंपरिक मिथिला रीति-रिवाज के तहत पाग व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि बीडीओ आरुषि शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ. अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान ने भारत के नागरिकों को अधिकारों की रक्षा का सशक्त माध्यम दिया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के विचारों से ही एक समरस समाज की स्थापना संभव हुई है। संगठित रहना, शिक्षित बनना और संघर्ष करना—यह मंत्र आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय में था। उन्होंने उपस्थित छात्रों से आह्वान किया कि वे शिक्षा को अपना हथियार बनाएं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं।
इस दौरान अन्य वक्ताओं ने भी डॉ. अंबेडकर के जीवन संघर्ष, सामाजिक न्याय के लिए उनके प्रयासों तथा शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को विस्तार से बताया। छात्रों को उनके पदचिह्नों पर चलने की प्रेरणा दी गई। इसी क्रम में अंबेडकर भवन, निर्मली में भी अम्बेडकर मिशन के तत्वावधान में जयंती समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एचपीएस कॉलेज के सहायक प्राध्यापक राजीव कुमार ने की, जबकि मंच संचालन मिश्री लाल राम ने किया। समारोह में सेवानिवृत्त शिक्षक रामचंद्र प्रसाद यादव भी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
कोई टिप्पणी नहीं