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भारत-नेपाल कस्टम अधिकारियों की 21वीं महानिदेशकस्तरीय बैठक सम्पन्न, व्यापारिक सहयोग को लेकर बनी कई अहम सहमतियाँ

  • बथनाहा-विराटनगर रेलखंड से कार्गो रेल सेवा संचालन पर बनी सहमति
  • अनधिकृत व्यापार पर नियंत्रण को लेकर सहयोग बढ़ाने पर जोर


जोगबनी। भारत और नेपाल के कस्टम प्रशासन के बीच 21वीं महानिदेशकस्तरीय बैठक शुक्रवार को सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। यह बैठक दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और सीमा क्षेत्र में व्यापार सहजीकरण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।

बैठक का नेतृत्व भारत की ओर से राजस्व खुफिया निदेशालय के महानिदेशक अभय कुमार श्रीवास्तव ने किया, जबकि नेपाल की ओर से भंसार विभाग के महानिदेशक महेश भट्टराई ने प्रतिनिधित्व किया। यह बैठक 1995 में शुरू हुई परंपरा का हिस्सा है, जिसमें एक बार भारत और अगली बार नेपाल में बैठक आयोजित होती है।

बैठक में बिंदुओं पर अहम सहमति बनी। जिसमें भंसार प्रक्रिया को कागज रहित (डिजिटल) बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा। व्यापार सहजीकरण के लिए लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने तथा अनधिकृत व्यापार पर नियंत्रण के लिए आपसी सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। नेपाल के राष्ट्रीय एकद्वार प्रणाली से जारी उत्पत्ति प्रमाणपत्र को भारत सरकार मान्यता देगी। आयात-निर्यात संबंधी पूर्व सूचना के आदान-प्रदान के लिए साझेदारी की जाएगी।भंसार (कस्टम) से संबंधित द्विपक्षीय समझौतों को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी। सीमा क्षेत्र में आवश्यक भौतिक आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कर व्यापार को बढ़ावा देने पर बल दिया गया। क्वारंटाइन सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा ताकि कृषि और पशु उत्पादों के आयात-निर्यात में सुगमता आए।

तीसरे देशों से भारत होते हुए नेपाल आने-जाने वाले माल ढुलाई के लिए प्रयुक्त ईसीटीएस को अब सड़क मार्ग (ट्रक) से भी जोड़ा जाएगा। भैरहवा और चाँदनी दोधारा में निर्माणाधीन एकीकृत जांच चौकियों को शीघ्र संचालन में लाया जाएगा। बथनाहा-विराटनगर रेलखंड से कार्गो रेल सेवा शुरू करने पर भी दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी।

बैठक में भारत की ओर से कस्टम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास और अंतरराष्ट्रीय व्यापार से जुड़े निकायों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। वहीं नेपाल की ओर से अर्थ, विदेश, उद्योग, वाणिज्य, आपूर्ति, कानून और न्याय मंत्रालयों सहित क्वारंटाइन, खाद्य और पशु सेवा विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के अंत में यह घोषणा की गई कि अगली (22वीं) महानिदेशकस्तरीय बैठक भारत की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। 

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