Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News

latest

डायरिया से उपचार के लिए जिंक और ओआरएस का उपयोग अनिवार्य

  • "डायरिया से डर नहीं" कार्यक्रम की हुई शुरुआत, स्वास्थ्य विभाग ने किया जागरूकता अभियान का आगाज़


सुपौल। जिले में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग, पीएसआई-इंडिया और केनव्यू के सहयोग से "डायरिया से डर नहीं" कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य डायरिया की रोकथाम, उपचार और जागरूकता बढ़ाना है। इस अभियान को बिहार के तीन जिलों – दरभंगा, सुपौल और पूर्णिया में चलाया जाएगा।

डायरिया रोकथाम को लेकर सुपौल के शहनाई रिसॉर्ट एंड होटल में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. ललन कुमार ठाकुर ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस, जीविका, पंचायती राज, नगर परिषद और शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

सिविल सर्जन डॉ. ललन कुमार ठाकुर ने कहा कि डायरिया से बचाव के लिए जागरूकता और समय पर चिकित्सा सहायता आवश्यक है। लोगों को इसके लक्षण पहचानकर नजदीकी अस्पताल में इलाज कराना चाहिए। नवजात शिशुओं को आवश्यक स्तनपान कराना भी एक प्रभावी उपाय है।

कार्यशाला में एसीएमओ डॉ. ए. एस. पी. सिन्हा ने डायरिया के लक्षणों की जानकारी दी और बच्चों के चिकित्सकों और विद्यालय शिक्षकों का एक ग्रुप बनाने पर जोर दिया, ताकि सही समय पर उपचार और जानकारी लोगों तक पहुंच सके।

एनसीडीओ डॉ. चंदन कुमार ने बताया कि डायरिया के दौरान जिंक टैबलेट और ओआरएस घोल का उपयोग जरूरी है। इसके अलावा, स्तनपान, पौष्टिक आहार और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। सीडीपीओ ने कहा कि बच्चों को सादा पानी, चावल, दाल, सब्जी और पका हुआ केला खाने की सलाह दी जानी चाहिए।

पीएसआई-इंडिया के सीनियर प्रोग्राम मैनेजर अनिल द्विवेदी ने बताया कि यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के सात जिलों और बिहार के तीन जिलों में चलाया जाएगा। इसके तहत आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और जीविका दीदियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। मीडिया के माध्यम से डायरिया के लक्षण, कारण और उपचार की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाएगी।

कार्यशाला में जीविका कर्मियों को भी इस अभियान में शामिल करने पर चर्चा हुई। पीएसआई-इंडिया के जिला कार्यक्रम मैनेजर राजीव कुमार ने बताया कि जीविका के सहयोग से ओआरएस और जिंक टैबलेट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

इस कार्यशाला में जिला कार्यक्रम प्रबंधक एम. डी. मिनतुल्ला, डीसीएम अभिषेक कुमार, डीएमएनई शशि भूषण प्रसाद, जीविका के विजय कुमार, नगर परिषद के नज़मुज जफर, यूनिसेफ की अनुपमा चौधरी, पिरामल के डिस्ट्रिक्ट लीड डॉ. मन्नु और शिक्षा विभाग के डीपीएम अभिषेक कुमार सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

कोई टिप्पणी नहीं