सुपौल। छातापुर प्रखंड के राजेश्वरी पूर्वी पंचायत के भवानीपट्टी एवं महम्मदगंज पंचायत के शंकरपट्टी सीमा स्थित खेदन महाराज मंदिर के समीप सदगुरू कबीर सत्संग महोत्सव का समापन गुरुवार संध्या में भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस अवसर पर बिदाई गीत के साथ आरती की गई और मंचासीन मुख्य वक्ता आचार्य श्री जयस्वरूप साहेब पूर्णिया सहित सभी संत महात्माओं को भावभीनी विदाई दी गई। आयोजन समिति के सदस्यों एवं श्रद्धालुओं ने आचार्य सहित सभी संतों का आयोजन में भाग लेने तथा जीवन के महत्व को समझाने के लिए आभार प्रकट किया।
इस दौरान पूर्व आईआरएस व राजद नेता बैधनाथ मेहता भी महोत्सव में पहुंचे और संतों को नमन करते हुए सत्संग से प्राप्त ज्ञान को जीवन में उतारने की अपील की। समापन सत्र में आचार्य जयस्वरूप साहेब ने कहा कि मृत्यु प्राप्त कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती, बल्कि जीवनकाल में ही मोक्ष के द्वार खोले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आत्मा को समझकर ही अपने स्वरूप को जाना जा सकता है। काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार और ईर्ष्या जब समाप्त हो जाएंगे, तब मोक्ष के द्वार खुलने प्रारंभ होंगे। उन्होंने कहा कि जब-जब धर्म की हानि हुई है और अधर्म का बोलबाला बढ़ा है, तब-तब प्रभु ने मनुष्य के रूप में अवतार लिया है और अधर्म का नाश कर मानवता का उद्धार किया है। उन्होंने शांति को सबसे बड़ा धन बताते हुए कहा कि यह केवल साधना से प्राप्त की जा सकती है, किसी की कृपा से नहीं। इसलिए गुरु के सानिध्य में रहकर और उनके बताए मार्ग पर चलकर ही सच्चे सुख की प्राप्ति संभव है।
मंच पर संत गौरव साहेब, सुकदेव साहेब वृंदावन, उपेंद्र साहेब, डॉ. मधुराम साहेब कज़हा, पवित्र प्रकाश साहेब पिलवाहा, रामचंद्र साहेब हसनपुर, साध्वी फुलेश्वरी साहेब सुकेला, साध्वी प्रतिमा राजेश्वरी, शिवनारायण साहेब महम्मदगंज, रामचंद्र साहेब महम्मदगंज, शंकर साहेब घीवहा, वासुदेव साहेब चकरदाहा, बिजेंद्र साहेब ताल वादक महम्मदगंज आदि उपस्थित थे।
तीन दिवसीय आयोजन के सफल संचालन में समिति के सदस्य पूर्व उपप्रमुख कृष्ण मुरारी किशन, दानालाल यादव, पैक्स अध्यक्ष रामचंद्र मेहता, मुखिया निशी कुमारी, शिवेंद्र साहेब, राजकुमार यादव, राजेश कुमार यादव, युवा समाजसेवी कृष्णा राज, पैक्स अध्यक्ष कृत्यानंद यादव, मुखिया प्रतिनिधि प्रभु कुमार प्रेम, बिनोद यादव, जनार्दन यादव, फूलचंद यादव, अखिलेश कुमार, किरिनदेव यादव, निर्मल यादव, प्रमोद यादव, परिमल यादव, गयानंद यादव, पप्पू यादव, हर्ष कुमार सहित ग्रामवासियों का सराहनीय योगदान रहा।
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