सुपौल। विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मंदिर वीरपुर के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने विधिवत वैदिक मंत्रोच्चारण एवं नारियल फोड़कर किया। इस अवसर पर भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र से हजारों कार्यकर्ता एवं नागरिक उपस्थित रहे। इस समारोह में विद्या भारती उत्तर बिहार का वृत्त निवेदन लोक शिक्षा समिति बिहार के प्रदेश मंत्री डॉ. सुबोध कुमार द्वारा किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि यह कार्यक्रम एक संकेत है कि अब कठिन समय बीतने वाला है। उन्होंने कार्य की सफलता के लिए विभिन्न प्रयासों की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि हमें लोक कल्याण की भावना से कार्य करना चाहिए और पुरुषार्थ से सफलता प्राप्त करनी होगी।
डॉ. भागवत ने भाग्य को अनुकूल बनाने के लिए योग्य कर्ता निर्माण की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि विद्या भारती के 21,000 से अधिक विद्यालय देशभर में संचालित हो रहे हैं, जिनमें आचार्य और आचार्या का विशेष योगदान है। उन्होंने शिक्षा को मूल्य आधारित बताते हुए कहा कि मनुष्य सृष्टि का सबसे बुद्धिमान प्राणी है और इसलिए शिक्षा का अधिकार सभी को मिलना चाहिए। उन्होंने राष्ट्र एवं विश्व कल्याण की भावना से कार्य करने पर जोर दिया।
डॉ. भागवत ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य आत्मविश्वास से भरपूर और सुसंस्कारी बालकों का निर्माण करना होना चाहिए, जिसके लिए विद्या भारती कार्यरत है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण एवं सतत कृषि पद्धति अपनाने पर बल दिया ताकि मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहे।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्र कार्यवाह डॉ. मोहन सिंह, लोक शिक्षा समिति बिहार के प्रदेश मंत्री डॉ. सुबोध कुमार, विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव डॉ. ललन प्रसाद सिंह, भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक रामनवमी जी, क्षेत्र सह कार्यवाह दिनेश प्रसाद, क्षेत्र शारीरिक शिक्षण प्रमुख मनोज कुमार, उत्तर बिहार के प्रांत प्रचारक रवि शंकर जी, प्रांत कार्यवाह अभय गर्ग, विद्या भारती के क्षेत्रीय प्रचार-प्रसार संयोजक नवीन सिंह परमार, विद्यालय के प्रधानाचार्य सुनील कुमार समेत संघ से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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