सुपौल। अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) के नेतृत्व में राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत त्रिवेणीगंज प्रखंड मुख्यालय पर मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस दौरान खेग्रामस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने विज्ञान कॉलेज से प्रखंड कार्यालय तक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों के आक्रोश को देखते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) बाहर आए और सभी मांगों का लिखित आवेदन मांगा। बाद में विरोध-प्रदर्शन एक सभा में तब्दील हो गया, जिसकी अध्यक्षता दुर्गी सरदार ने की।
सभा को संबोधित करते हुए माले के जिला सचिव जयनारायण यादव ने कहा कि नीतीश सरकार लंबे समय से भूमिहीनों को पांच डिसमिल जमीन देने की बात कर रही है, लेकिन अब तक यह वादा पूरा नहीं हुआ। वहीं, मोदी सरकार ने 2022 तक सभी को पक्का मकान और शौचालय देने का वादा किया था, जो सिर्फ जुमला साबित हुआ।
उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि परिमार्जन और दाखिल-खारिज के नाम पर गरीबों को लूटा जा रहा है। त्रिवेणीगंज अनुमंडल अस्पताल को बिचौलियों और भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हालात में सुधार नहीं हुआ तो जनता अस्पताल में धरना प्रदर्शन करेगी।
सभा को संबोधित करते हुए आइसा के नेता डॉ. अमित चौधरी ने कहा कि जातिगत सर्वे के बाद सरकार ने अत्यंत गरीबों को 2 लाख रुपये देने का वादा किया था। इस योजना के तहत लगभग 1,000 लोगों के आय प्रमाण पत्र के लिए अंचलाधिकारी को आवेदन दिया गया, लेकिन प्रशासन ने अब तक प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि 1,400 गरीब परिवारों ने जमीन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई सर्वे तक नहीं किया। उन्होंने सवाल उठाया कि अंचलाधिकारी किस दबाव में गरीबों के कार्यों में लापरवाही बरत रहे हैं? सभा में मो. मुस्लिम ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए और जीविका व स्वयं सहायता समूह के कर्ज को माफ करने की मांग की।
सभा को कामेश्वर यादव उर्फ कंपा, सुरेश मंडल, बिना देवी, बिंदेश्वरी मंडल, जागो ऋषिदेव, अरुण शर्मा, अब्दुल रहमान, लुखिया देवी, बिशुनदेव सरदार, सुंदर राम, मंजू देवी, रणधीर राम, कुलवंती देवी, सदानंद राम सहित कई अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।
इस विरोध प्रदर्शन ने प्रशासन को गरीबों के मुद्दों पर तुरंत संज्ञान लेने के लिए मजबूर कर दिया है। खेग्रामस नेताओं ने साफ किया कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन और तेज होगा।
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