सुपौल। सदर अस्पताल के मीटिंग हॉल में मंगलवार को पीएसआई स्टेट टीम द्वारा डायरिया से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। बैठक की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. ललन कुमार ठाकुर ने की। इस कार्यक्रम में डीएस डॉ. नूतन वर्मा, अस्पताल प्रबंधक अभिनव आनंद, माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. सुभाष मिश्रा, फील्ड प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर सतीश कुमार, सभी नर्सिंग स्टाफ एवं एएनएम स्कूल सुखपुर के स्टूडेंट उपस्थित रहे।
सिविल सर्जन डॉ. ठाकुर ने कहा कि डायरिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसे रोकने और प्रबंधित करने के लिए सही जानकारी और सावधानी बेहद जरूरी है।
माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि डायरिया दूषित पानी, अस्वच्छ भोजन और खराब स्वच्छता के कारण फैलता है। भारत में हर साल हजारों बच्चे डायरिया से गंभीर रूप से बीमार पड़ते हैं, जिनमें से कुछ मामलों में यह घातक भी हो सकता है। उन्होंने बताया कि ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) और जिंक सप्लीमेंट का सही उपयोग बेहद जरूरी है, क्योंकि यह शरीर में पानी की कमी को रोकता है और जल्दी रिकवरी में मदद करता है।
प्रदीप कुमार सिन्हा ने कहा कि बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए डायरिया विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है, इसलिए समय पर चिकित्सा सहायता लेना बहुत जरूरी है। उन्होंने सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘STOP डायरिया’ जैसी पहल में भागीदारी करने की अपील की, जिससे इस बीमारी से होने वाली मृत्यु दर को कम किया जा सके।
अस्पताल प्रबंधक अभिनव आनंद ने कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपने आस-पास के लोगों को डायरिया की रोकथाम के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा, स्वच्छता अपनाएं, सुरक्षित जल पिएं और डायरिया से बचाव करें, ताकि यह बीमारी किसी की जान न ले सके।
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