सुपौल। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेतृत्व में सदर अस्पताल सुपौल में व्याप्त भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर शनिवार से धरना प्रदर्शन शुरू किया गया। संगठन के सदस्यों ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और आम जनता को हो रही परेशानियों पर कड़ा विरोध जताया। इससे पहले भी एबीवीपी ने इन मुद्दों को लेकर सिविल सर्जन को लिखित शिकायत दी थी, लेकिन जब कोई समाधान नहीं मिला तो संगठन ने आंदोलन का निर्णय लिया।
मुख्य मांगें में भ्रष्ट और लापरवाह कर्मचारियों पर अविलंब कार्रवाई हो। चिकित्सक समय पर अपनी ड्यूटी पर उपस्थित रहें। स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। आईसीयू को जल्द से जल्द चालू किया जाए। दो वर्षों से बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को फिर से चालू किया जाए। आम जनता के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो। अस्पताल परिसर में टूटे हुए शौचालय और गेट की मरम्मत कराई जाए। गाड़ियों की चोरी रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ाई जाए। जन्म प्रमाण पत्र जारी करने में हो रही अवैध वसूली पर रोक लगाई जाए आदि मांगें शामिल है।
रविवार को नगर परिषद के मुख्य पार्षद राघवेंद्र झा राघव के नेतृत्व में अस्पताल प्रशासन से वार्ता हुई। इस दौरान प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. एएसपी सिन्हा, डीएस डॉ. नूतन वर्मा और अस्पताल प्रबंधक अभिनव आनंद ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन के इस आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया गया।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को समय पर पूरा नहीं किया गया तो वे फिर से आंदोलन करने को बाध्य होंगे। धरना प्रदर्शन में एबीवीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भवेश झा, प्रांत सह एसएफडी संयोजक शिवजी कुमार, जिला संयोजक रंजीत कुमार झा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजेश कुमार, नगर सह मंत्री मन्नू कुमार, कार्यकर्ता तेजन कुमार, भूषण कुमार, गोलू कुमार, सतीश कुमार, पंकज कुमार, सागर कुमार, कर्ण कुमार, पंकज विश्वास, चंदन कुमार, विराट जायसवाल, ऋषभ कुमार, सोहन कुमार सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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