सुपौल। व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को इस वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनंत सिंह, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम गजनफर हैदर, डीएम कौशल कुमार, पुलिस अधीक्षक शैशव यादव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रभारी सचिव गुरुदत्त शिरोमणि सहित अन्य न्यायाधीशों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
लोक अदालत के लिए सुपौल व्यवहार न्यायालय में 12 बेंच और वीरपुर न्यायालय में 4 बेंच का गठन किया गया था। सभी बेंचों पर न्यायिक पदाधिकारी मौजूद थे। कुल 1099 वादों का निष्पादन किया गया, जिसमें 3 करोड़ 67 लाख 65 हजार 70 रुपये के समझौते हुए।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनंत सिंह ने कहा कि लोक अदालत की सफलता आपसी समन्वय और बड़ा दिल रखने पर निर्भर करती है। पक्षकारों को यह सुनहरा अवसर मिल रहा है कि वे अपने मुकदमों को एक दिन में समाप्त कर सकते हैं, जिसका आगे कहीं अपील भी नहीं होगा। उन्होंने बैंक कर्मियों से अधिक से अधिक मामलों का निपटारा सुनिश्चित करने की अपील की।
डीएम कौशल कुमार ने कहा कि लोक अदालत में न्याय की प्रक्रिया सरल और सुलभ होती है। यहां किसी की हार या जीत नहीं होती, बल्कि सभी पक्षकारों को न्याय मिलता है। उन्होंने लोगों से लोक अदालत का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की।
एसपी शैशव यादव ने कहा कि लोक अदालत से लोगों में उम्मीद की किरण जगती है कि उनके वादों का शीघ्र समाधान हो जाएगा। लंबे समय तक न्यायालय में लंबित मामलों से पक्षकारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन लोक अदालत में विवादों का त्वरित और सहज समाधान मिल जाता है।
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