सुपौल। कालाजार उन्मूलन अभियान के तहत सुपौल जिले के छह प्रखंडों में सिंथेटिक पायरोथायराइड (एसपी) कीटनाशक का छिड़काव शुरू हो गया है। यह अभियान 18 फरवरी से 19 अप्रैल तक पहले चरण में चलेगा, जिसमें 60 दिनों तक छिड़काव किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यह अभियान जिले में कालाजार को जड़ से खत्म करने के लिए कारगर साबित होगा।
सिविल सर्जन डॉ. ललन कुमार ठाकुर ने बताया कि अभियान के दौरान लोगों को मच्छरदानी का उपयोग करने, घरों और नालियों की सफाई बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छिड़काव से पहले घरों की दीवारों के छेद और दरारें भर दें, तथा छिड़काव के बाद दो घंटे तक घर में प्रवेश न करें।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दीप नारायण राम ने बताया कि अभियान के तहत सुपौल सदर, किशनपुर, राघोपुर, त्रिवेणीगंज, बसंतपुर और निर्मली प्रखंड के 15 राजस्व ग्रामों में छिड़काव किया जाएगा। कुल 26,289 घरों में 1,52,107 की आबादी को कवर किया जाएगा। इसके लिए 1,426 किलो एसपी कीटनाशक उपलब्ध कराया गया है और 9 दलों का गठन किया गया है।
भीडीसीओ विपिन कुमार के अनुसार, कालाजार रोग मादा फ्लेबोटोमस अर्जेंटिपस (बालू मक्खी) के काटने से फैलता है। यह मक्खी लीशमैनिया परजीवी को एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैलाती है, जिससे यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है।
भीडीसीओ सिकंदर कुमार ने बताया कि कालाजार उन्मूलन के मानक को सुपौल जिले में प्राप्त कर लिया गया है। 2021 में 3, 2022 में 10, 2023 में 5 और 2024 में 3 मरीज मिले थे। शून्य संक्रमण लक्ष्य को पाने के लिए लगातार छिड़काव किया जा रहा है। भीडीसीओ अनीसा भारती ने बताया कि मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत पीड़ित मरीजों को आर्थिक सहायता दी जाती है। वीएल (ब्लड रिलेटेड) कालाजार के मरीजों को 6600 रुपये राज्य सरकार और 500 रुपये केंद्र सरकार से मिलते हैं। पीकेडीएल (चमड़ी से जुड़ा कालाजार) के मरीजों को 4000 रुपये केंद्र सरकार की ओर से प्रदान किए जाते हैं।
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