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न्यायिक कर्मचारियों ने चार सूत्री मांगों के समर्थन में निकाला कैंडल मार्च

  • 16 जनवरी से रहेंगे सार्वजनिक अवकाश व कलमबंद हड़ताल पर

सुपौल। बिहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर व्यवहार न्यायालय कर्मियों ने अपनी चार सूत्री मांगों के समर्थन में बुधवार शाम में कैंडल मार्च निकाला। न्यायिक कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर एकजुटता दिखाते हुए सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

सचिव शिवेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि यह प्रदर्शन बिहार सरकार द्वारा निर्गत ज्ञापांक 8164 (दिनांक 20 दिसंबर 2024) के तहत जारी आदेश के विरोध में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 16 जनवरी 2025 (गुरुवार) से सभी कर्मचारी सार्वजनिक अवकाश व कलमबंद हड़ताल में शामिल होंगे और न्यायिक कार्यों से पूरी तरह अलग रहेंगे।

न्यायालय कर्मचारी संघ के चार प्रमुख मांगों में वेतन विसंगति को दूर करने, तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की शीघ्र प्रोन्नति, अनुकंपा आधारित बहाली को शत-प्रतिशत लागू करने, विशेष न्यायिक कैडर कानून लागू करना शामिल है। 

विरोध कर रहे कर्मचारियों ने चेतावनी दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती, तब तक वे न्यायिक कार्यों से अलग रहेंगे। सचिव श्री मिश्र ने कहा कि यह आंदोलन न्यायिक कर्मचारियों के अधिकारों और न्यायिक व्यवस्था के हित के लिए आवश्यक है।

इस मौके पर अध्यक्ष उपेन्द्र कुमार राम, उपाध्यक्ष मनीष कुमार (प्रथम), वरिष्ठ कर्मी सर्वेश कुमार झा, दिनेश जायसवाल, अशोक झा, अनिल पाठक, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, शम्भू कुमार (प्रथम), कुणाल कुमार झा, संयुक्त सचिव अंजनी कुमार मिश्र एवं गौतम कुमार, कार्यालय सचिव प्रकाश आनन्द, अंकेक्षक शम्भू कुमार (द्वितीय) मीडिया प्रभारी विश्वजीत पासवान एवं कृपा शंकर राय आदि मौजूद थे।

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