सुपौल। पिपरा थाना क्षेत्र के अमहा गांव के पास एनएच-106 पर बुधवार को हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल शिक्षक पिता और उनके पुत्र की मौत हो गई। पिता की मृत्यु के बाद गुरुवार को इलाज के दौरान पुत्र ने भी दम तोड़ दिया। शव गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया, वहीं पूरे गांव में मातम छा गया।
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने गुरुवार सुबह 7 बजे शव को एनएच-106 पर रखकर सड़क जाम कर दिया। सूचना मिलते ही सीओ उमा कुमारी और थानाध्यक्ष राजेश कुमार झा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे और वरीय पदाधिकारी का आश्वासन चाहते थे। इससे पहले, बुधवार को भी आक्रोशित ग्रामीणों ने अमहा गांव के पास एनएच-106 को 6 घंटे तक जाम रखा था, जिससे राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्थिति को देखते हुए एसडीएम इंद्रवीर कुमार जाम स्थल पहुंचे और परिजनों एवं ग्रामीणों को समझाया। उन्होंने परिवहन विभाग के नियमों के तहत मृतक पिता-पुत्र के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा दिलाने और अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने के लिए आवेदन देने की बात कही। चूंकि मृतक का उत्तराधिकारी पुत्र नाबालिग है, इसलिए सरकारी नियमों के अनुसार उसे बालिग होने तक इंतजार करना होगा। इस आश्वासन के बाद करीब 6 घंटे बाद दोपहर 1 बजे सड़क जाम हटाया गया।
बुधवार सुबह शिक्षक राजीव कुमार अपने बेटे कृष्ण कुमार के साथ बाइक से जा रहे थे, जब उनकी बाइक को एक तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। ग्रामीणों और परिजनों ने दोनों को सीएचसी पिपरा पहुंचाया, जहां से हालत गंभीर देखते हुए उन्हें सदर अस्पताल सुपौल रेफर कर दिया गया। सदर अस्पताल पहुंचते ही पिता राजीव कुमार की मौत हो गई, जबकि पुत्र कृष्ण कुमार को भी रेफर कर दिया गया। उसे सुपौल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया।
मृतक शिक्षक राजीव कुमार के बेटे कृष्ण कुमार की इस साल मैट्रिक परीक्षा में सेंट-अप था। तीन भाई-बहनों में वह सबसे छोटा था। पिता-पुत्र की असामयिक मौत से पूरा परिवार सदमे में है। गांव के लोग भी शोकाकुल हैं। बुधवार और गुरुवार को हुए इस सड़क जाम से राहगीरों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अंततः प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
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