सुपौल। पौषी पूर्णिमा के अवसर पर पिपरा प्रखंड के कैलाशपुरी जोल्हनियां गांव में आयोजित सात दिवसीय मेला का उद्घाटन रविवार को भव्य समारोह के साथ किया गया। इस अवसर पर पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू, पिपरा विधायक रामविलास कामत, पूर्व सांसद विश्वमोहन कुमार और सुपौल नगर परिषद के चेयरमैन राघवेन्द्र झा ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुमंडल पदाधिकारी इंद्रवीर कुमार ने की, जबकि संचालन बीरेंद्र कुमार ने किया। अतिथियों का पारंपरिक मिथिला रीति-रिवाज के तहत पाग, माला और अंगवस्त्र देकर स्वागत किया गया।
मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने मेले को सांस्कृतिक धरोहर बताते हुए कहा कि मेले से आपसी भाईचारा और सौहार्द बढ़ता है। उन्होंने कहा कि मेले और त्योहार न केवल हमारे समाज को जोड़ते हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं को जीवित रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। मंत्री ने इस मेला को राजकीय मेला का दर्जा दिलाने का आश्वासन दिया और मेले में शौचालय, चापाकल, और पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने का वादा किया।
विधायक रामविलास कामत ने मेले के ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह मेला जाति-धर्म से ऊपर उठकर एक संगम स्थल की तरह है, जहां लोग मिलकर खुशी का इजहार करते हैं। उन्होंने कहा कि यह मेला उत्तर भारत का प्रमुख मेला है और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है।
पूर्व सांसद विश्वमोहन कुमार ने इस प्राचीन मेले के प्रति लोगों की आस्था को रेखांकित करते हुए कहा कि यह स्थल दूर-दूर के पर्यटकों, यहां तक कि नेपाल से भी लोगों को आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि सर्पदंश जैसी घटनाओं में भी इस स्थल के प्रति लोगों का विश्वास बना हुआ है।
नगर परिषद सुपौल के चेयरमैन राघवेन्द्र झा, मेला सचिव सुनील कुमार पासवान, पूर्व सचिव नरेश मिश्र और अन्य गणमान्य लोगों ने भी सभा को संबोधित किया। कहा कि यह मेला न केवल क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखता है, बल्कि पर्यटन, व्यवसायिक गतिविधियों और आपसी भाईचारे को भी बढ़ावा देता है।
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