सुपौल। जिले के पिपरा प्रखंड में बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ की बैठक संघ भवन में प्रखंड अध्यक्ष राजीव कुमार रंजन की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में शिक्षकों की लंबित समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई और सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि 19 जनवरी तक उनकी जायज मांगों का समाधान नहीं होता है, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुपौल आगमन पर अपनी वेदना प्रकट की जाएगी।
बैठक में काल बद्ध प्रोन्नति, बकाया वेतन, सक्षमता पास शारीरिक शिक्षकों का योगदान, पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों के वेतन विसंगति में सुधार, हाईकोर्ट पटना के आदेशानुसार डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतन का लाभ और अन्य स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता से हल करने की मांग की गई।
शिक्षकों ने जिला शिक्षा कार्यालय सुपौल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां घूसखोरी और लालफीताशाही चरम पर है। 2021 में प्रखंड शिक्षा कार्यालय से समर्पित वेतन विपत्र पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। शिक्षकों का कहना है कि जिला शिक्षा कार्यालय उनके कार्यों को जानबूझकर लंबित रखता है ताकि उन्हें घूस देने के लिए मजबूर किया जा सके।
शिक्षकों ने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी त्रिवेणीगंज की अध्यक्षता में संघ के प्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच हुई वार्ता के बाद भी कोई ठोस पहल नहीं की गई। जिला संघ द्वारा समर्पित 15 सूत्री मांगों की अनदेखी की जा रही है। शिक्षकों का आरोप है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी सुशासन की नीति को ठेंगा दिखा रहे हैं।
शिक्षकों ने कहा कि वे अपनी मांगों को लगातार लोकतांत्रिक तरीके से रख रहे हैं, लेकिन संवेदनहीनता और मनमानी से परेशान होकर अब आंदोलन तेज करेंगे। यदि समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्याओं को मजबूती से रखा जाएगा।
बैठक में जिला कोषाध्यक्ष अनिल कुमार, प्रखंड महासचिव बदरे आलम, जिला प्रतिनिधि रोशन सिंह, संरक्षक श्रीप्रसाद विश्वास, रमेश कुमार, अंजार अली, चंद कुमार, श्रवण कुमार, इम्तियाज अली, सदानंद राम, बीरबल कुमार मंडल, पवन कुमार, रमन कुमार, और सुमन कुमार समेत दर्जनों शिक्षक उपस्थित रहे।
कोई टिप्पणी नहीं