सुपौल। व्यवहार न्यायालय के कर्मचारी का राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा, जिसके कारण न्यायालय का कार्य पूरी तरह से ठप रहा।
यह हड़ताल बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ द्वारा प्रस्तावित चार सूत्री मांगों को लेकर की जा रही है, जिसमें वेतन विसंगति दूर करने, शीघ्र पदोन्नति, शत-प्रतिशत अनुकंपा पर नियुक्ति और विशेष न्यायिक कैडर लागू करने की मांग शामिल है।
न्यायालय के सभी कर्मचारी नये न्यायालय परिसर के गेट संख्या 01 और 02 के बीच सड़क किनारे शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। संघ के पदाधिकारी और कर्मचारियों ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय, विभिन्न न्यायिक पदाधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों को पुष्प गुच्छ देकर अपनी शांतिपूर्ण हड़ताल के उद्देश्य से अवगत कराया।
इस हड़ताल का असर साफ तौर पर आम जनता पर देखा जा रहा है। तारीख पर आए विभिन्न पक्षधर परेशान नजर आए। इसके अलावा, सेवानिवृत्त न्यायालय कर्मी भी इस शांतिपूर्ण हड़ताल और धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए।
सुपौल व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उपेंद्र प्रसाद राम, सचिव शिवेंद्र कुमार मिश्रा और अन्य वरिष्ठ कर्मचारियों ने जिला विधिज्ञ संघ से नैतिक समर्थन की अपील की। इस पर जिला विधिज्ञ संघ के पदाधिकारी और अधिवक्ताओं ने कर्मचारियों की मांगों को जायज मानते हुए सरकार से अपील की कि इनकी मांगों को शीघ्र स्वीकार कर हड़ताल को समाप्त कराया जाए।
धरना दे रहे न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष और सचिव ने कहा कि जब तक सभी वाजिब मांगों का समाधान नहीं होता, यह अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त नहीं होगी।
कोई टिप्पणी नहीं