सुपौल। त्रिवेणीगंज प्रखंड के कोरियापट्टी स्थित क्रीड़ा मैदान में दो दिवसीय सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रवचनकर्ता पलटू दास ने प्रभु श्रीराम और केवट राज गुह की मार्मिक कथा सुनाई। श्रीराम के वनवास के प्रसंग से जुड़ी इस कथा ने श्रोताओं को भक्ति और प्रेम के भाव में सराबोर कर दिया।
पलटू दास ने विस्तार से कथा सुनाते हुए बताया कि वनवास के दौरान श्रीराम सबसे पहले तमसा नदी पहुंचे, फिर गोमती नदी पार करते हुए श्रृंगवेर पहुंचे, जो निषाद राज गुह का राज्य था। गंगा तट पर श्रीराम ने केवट से नाव मांगी, लेकिन केवट ने चरण धोने की जिद की। केवट ने कहा कि प्रभु श्रीराम के चरणों की धूल पत्थर को भी जीवन दे सकती है, जिससे उनकी नाव स्त्री न बन जाए।
प्रभु श्रीराम की अनुमति पाकर केवट ने उनके चरण धोए और उस जल को परिवार सहित पीकर अपने पितरों का तर्पण किया। इसके बाद आनंदपूर्वक गंगा पार कराई। इस कथा ने उपस्थित भक्तों को भक्ति और सेवा का गहरा संदेश दिया। सत्संग समारोह की शुरुआत गुरु वंदना के साथ हुई। प्रवचन के दौरान श्रोताओं ने भक्ति और प्रेम के भाव से भरकर कथा का आनंद लिया।दो दिवसीय इस सत्संग समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया और कथा श्रवण कर भक्ति और ज्ञान का लाभ उठाया। यह आयोजन क्षेत्र में धार्मिक आस्था और भक्ति को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण रहा।
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