सुपौल। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र के सरायगढ़ पंचायत के वार्ड 17 में उपशाखा नहर के पूर्वी भाग में औद्योगिक क्षेत्र के लिए जमीन अधिग्रहण के प्रस्ताव का विरोध तेज हो गया है। रविवार को दर्जनों जमीन मालिकों ने अपने खेतों में प्रदर्शन कर अधिकारियों के इस कदम का विरोध किया।
प्रदर्शनकारी जमीन मालिकों का कहना है कि सरायगढ़ थाना नंबर 58 में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए 253 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने का प्रस्ताव है। लेकिन इस क्षेत्र की कुल जमीन का 40% कोसी नदी में बह चुकी है, जबकि शेष 60% पर पहले से ही रेलवे, कोसी तटबंध, प्रखंड कार्यालय, एनएच 57, एनएच 327 ए, सुरक्षा बांध, और अन्य सरकारी संस्थान स्थापित हैं। बचे हुए भूमि का अधिकांश भाग सीपेज से प्रभावित है, और कृषि योग्य जमीन बहुत ही सीमित है।
प्रदर्शन में शामिल किसानों ने कहा कि यदि उनकी जमीन औद्योगिक क्षेत्र के लिए अधिग्रहित की गई, तो उनकी आजीविका पूरी तरह खत्म हो जाएगी। कई किसानों ने पलायन की नौबत आने की बात कही। किसानों ने एक सुर में कहा कि हम अपनी जमीन नहीं देंगे। इसके लिए हम मर मिटने को तैयार हैं।
जमीन मालिकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उद्योग मंत्री, ऊर्जा मंत्री, सांसद, विधायक, और जिला पदाधिकारी सुपौल को आवेदन भेजकर इस प्रस्ताव का विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने मांग की है कि सरायगढ़ के सिंचित भूमि को औद्योगिक क्षेत्र के लिए अधिग्रहित न किया जाए।
प्रदर्शन का नेतृत्व उपेंद्र प्रसाद यादव, अमरेंद्र कुमार यादव, अशोक यादव, मिथिलेश कुमार, विनोद कुमार यादव, गंगाराम यादव, और अन्य प्रमुख जमीन मालिकों ने किया। बड़ी संख्या में किसानों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन से तत्काल निर्णय वापस लेने की मांग की। किसानों का यह आंदोलन क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रशासन की अगली कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।
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