सुपौल। सदर प्रखंड के हरदी पूरब पंचायतवासियों ने रविवार को विभिन्न जनहित मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए न्याय मार्च निकाला। यह मार्च स्वतंत्रता सेनानी चौक चौघारा से शुरू होकर विभिन्न वार्डों से गुजरते हुए तिलावे पुल के पास समाप्त हुआ।
न्याय मार्च का नेतृत्व लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि पंचायतों में विकास और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पंचायत सरकार भवन का निर्माण आवश्यक है। हरदी पूरब पंचायत के वार्ड नं. 8, चौघारा में पंचायत सरकार भवन का निर्माण 17 फरवरी 2024 को निविदा निकलने के बावजूद आज तक शुरू नहीं हो सका। उन्होंने इसे अधिकारियों और अभियंताओं की लापरवाही का नतीजा बताया।
डॉ. कुमार ने चौघारा गाँव की दुर्दशा पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गाँव की मुख्य सड़क, जो शंभू स्वर्णकार के घर से गम्हरिया सीमा तक जाती है, जर्जर स्थिति में है। बार-बार आवेदन देने के बावजूद मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत इसका निर्माण नहीं हुआ।
न्याय मार्च में शामिल समाजसेवी भगवान दत्त यादव ने कहा कि आजादी के 77 साल बाद भी हरदी पूरब पंचायत के वार्ड नं. 1 और 5 के महादलित टोले सड़क मार्ग से वंचित हैं। महादलित परिवार सड़क निर्माण और वासगीत पर्चा के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन अधिकारियों की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार के कारण उनकी मांगें पूरी नहीं हो रही हैं।
डॉ. अमन कुमार ने कोसीवासियों से "दूसरी आजादी की लड़ाई" लड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं के नाम पर सिर्फ घोषणाएं होती हैं, लेकिन वास्तविकता में लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।
न्याय मार्च के बाद पंचायतवासियों ने जिला पदाधिकारी, विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री को मेल के माध्यम से मांग-पत्र भेजा। इसमें पंचायत सरकार भवन का शीघ्र निर्माण, मुख्य सड़कों की मरम्मत और महादलित परिवारों के लिए भूमि उपलब्ध कराने की मांग की गई। पंचायतवासियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
इस मार्च में सरपंच छोटेलाल मंडल, वार्ड सदस्य मोहन यादव, सुधीर यादव, फूलेन्द्र यादव, शंभू यादव, अरविन्द यादव, ललित यादव, सतीश कुमार, रामदेव सादा, और सैकड़ों अन्य ग्रामीण शामिल थे।
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