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विवाहिता और पुत्र के अपहरण व हत्या मामले में संजय यादव को आजीवन कारावास की सुनायी गयी सजा


सुपौल। प्रतापगंज थाना क्षेत्र के बेलही गांव में विवाहिता रवीना देवी और उसके आठ वर्षीय पुत्र अंशु कुमार के अपहरण और हत्या के मामले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश पंचम संतोष कुमार दुबे की अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने संजय यादव को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी। अर्थदंड नहीं चुकाने पर तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 364 और 302 के तहत आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये का अर्थदंड, जबकि धारा 201 के तहत सात वर्ष कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया। मामले में कुल आठ गवाहों की त्वरित गवाही सुनने के बाद अदालत ने 22 जनवरी को संजय यादव को दोषी ठहराया था और सजा के बिंदु पर फैसला सुरक्षित रखा था।

पुलिस अधीक्षक शैशव यादव के नेतृत्व में पुलिस ने तत्परता से अनुसंधान किया और अभियोजन पक्ष ने मजबूत पैरवी की। अपर लोक अभियोजक राजीव रंजन ने अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व किया, जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता नागेंद्र नारायण ठाकुर ने बहस की।

यह मामला 24 मार्च 2019 को दर्ज प्रतापगंज थाना कांड संख्या 30/19 से जुड़ा है। सूचिका कैली देवी ने अपनी बेटी रवीना देवी और नाती अंशु कुमार के अपहरण और हत्या की शिकायत दर्ज कराई थी। कैली देवी ने बताया कि उनकी बेटी रवीना शादी के बाद अपने पति लालू मेहता से अलग होकर पांच वर्षों से अपने मायके श्रीपुर में रह रही थी।

इसी बीच पहले से शादीशुदा अभियुक्त संजय यादव ने रवीना को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाकर उससे शादी कर ली। कुछ समय बाद वह रवीना और अंशु को लेकर अपने घर बेलही आ गया। यहां संजय यादव और उसके परिवार के सदस्यों ने रवीना और अंशु के साथ दुर्व्यवहार शुरू कर दिया।

13 मार्च 2019 को कैली देवी जब अपनी बेटी और नाती से मिलने बेलही पहुंचीं, तो उन्हें घर पर कोई नहीं मिला। बाद में उन्हें पता चला कि संजय यादव और उसके परिवार ने रवीना और अंशु का अपहरण कर लिया है। पुलिस अनुसंधान के दौरान बेलही पलार में अंशु का शव जमीन में गड़ा हुआ पाया गया, जबकि रवीना का अब तक पता नहीं चल सका है।

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