सुपौल। छातापुर प्रखंड के बलुआ बाजार निवासी संजय मिश्रा की पुत्री और पूर्व रेल मंत्री स्व. ललित बाबू की पौत्री सृष्टि मिश्रा ने देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली "एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड" परीक्षा में सफलता हासिल की है। इस उपलब्धि के साथ सृष्टि मिश्रा सुपौल जिले और बलुआ बाजार से दिल्ली सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला अधिवक्ता बन गई हैं।
सृष्टि मिश्रा ने बताया कि एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड बनने के लिए किसी भी अधिवक्ता को चार वर्ष की वकालत के अनुभव के साथ एक वर्ष का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करना होता है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित इस परीक्षा में सफलता अनिवार्य होती है। परीक्षा पास करने पर ही अधिवक्ता को सुप्रीम कोर्ट में मामले दायर करने की अनुमति मिलती है।
सृष्टि मिश्रा की सफलता से उनके परिवार और पूरे जिले में हर्ष का माहौल है। सृष्टि के भाई, अधिवक्ता सुमीत मिश्रा ने बताया कि उनकी बहन ने कठिन परिश्रम और समर्पण से यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने कहा कि सृष्टि की सफलता से न केवल परिवार गर्व महसूस कर रहा है, बल्कि यह गांव और जिले के लिए भी गर्व का विषय है। यह उपलब्धि गांव की अन्य लड़कियों को भी प्रेरणा देगी।
सृष्टि मिश्रा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरु और सीनियर एडवोकेट रुचि कोहली, हर्षवर्धन झा, और युगांधरा झा को दिया है। साथ ही, उन्होंने अपने माता-पिता संजय मिश्र और अनुराधा मिश्र तथा अधिवक्ता भाई सुमीत मिश्रा को भी मार्गदर्शक बताते हुए आभार व्यक्त किया।
सृष्टि की सफलता पर बलुआ बाजार के पैक्स अध्यक्ष प्रभात मिश्रा, पूर्व पैक्स अध्यक्ष अजय मिश्रा रिंकू, समाजसेवी मुन्ना साह, मुखिया रामजी मंडल, वयोवृद्ध जयकृष्ण गुरूमेता, और अन्य ग्रामीणों ने खुशी व्यक्त की है। सभी ने सृष्टि की इस उपलब्धि को गांव और समाज के लिए गर्व का क्षण बताया है।
सृष्टि मिश्रा ने न केवल अपने परिवार का नाम रोशन किया है, बल्कि बलुआ बाजार और सुपौल जिले को भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया कि परिश्रम और समर्पण से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।
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