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दिव्यांगजनों का 6 दिवसीय ‘दुकानदारी’ प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न, प्रमाण पत्र का किया गया वितरण

सुपौल। भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) सुपौल द्वारा आयोजित 6 दिवसीय 'दुकानदारी' प्रशिक्षण कार्यक्रम का मंगलवार को समापन हुआ। इस कार्यक्रम में कुल 33 दिव्यांगजन ने भाग लिया और समापन समारोह में इन्हें प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम का आयोजन आरसेटी के निदेशक धीरेन्द्र कुमार धीरज के नेतृत्व में किया गया।

समारोह में अतिथि के रूप में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक मनोज कुमार सिन्हा, जीविका के डीपीएम विजय कुमार सहनी, जिला अग्रणी बैंक के प्रबंधक अमित कुमार, डीडीएम नाबार्ड मो. नियाज, चैंबर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन धर्मेंद्र कुमार पप्पू, जीविका के जॉब मैनेजर शुभरंजन कुमार और जिला नियोजनालय से अमरेंद्र कुमार मौजूद थे।

आरसेटी निदेशक धीरेन्द्र कुमार धीरज ने बताया कि सभी प्रशिक्षु दिव्यांग होने के बावजूद इस ठंड के मौसम में प्रशिक्षण के दौरान हॉस्टल में रहकर व्यवसाय की बारीकियों को समझने में अद्भुत जज्बा दिखाया। उन्होंने कहा कि सभी प्रशिक्षुओं ने अपनी शारीरिक सीमाओं को पीछे छोड़ते हुए सफलता प्राप्त करने का जुनून दिखाया, जो अत्यंत प्रेरणादायक है।

डीडीएम नाबार्ड ने समूह में जेएलजी योजना के तहत बैंक से ऋण प्राप्त करने की सुविधा की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुपौल जिले ने इस योजना के तहत राज्य में सबसे अधिक लाभार्थी बनाए हैं। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक ने लघु उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत दिव्यांगजनों को मिलने वाले ऋण की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला उद्योग केंद्र में दिव्यांगजनों के लिए 4% आरक्षण है और आवेदन करने वालों की संख्या कम होने से इस अवसर को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

जीविका के डीपीएम विजय कुमार सहनी ने बताया कि दिव्यांगजनों के समावेशी विकास के लिए उन्हें जीविका समूहों से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत सभी प्रशिक्षुओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। चैंबर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन धर्मेंद्र कुमार पप्पू ने दिव्यांगजनों के उत्साह की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि किसी को बाजार स्थापित करने में कठिनाई होगी, तो हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।

समारोह के अंत में सभी प्रशिक्षुओं को अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए। आरसेटी के वरिष्ठ प्रशिक्षक एवं कार्यक्रम समन्वयक अनिश रंजन ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आरसेटी का मुख्य उद्देश्य स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। उन्होंने प्रशिक्षुओं की ऊर्जा और उनके भविष्य में सफलता की संभावनाओं की सराहना की।

समारोह में मुकेश कुमार मुस्कान, तिरु रूपक, चेतन सिंह, किशन कुमार, पिंटू कुमार, बम कुमार सहित अन्य गणमान्य लोग और प्रशिक्षु मौजूद थे। यह कार्यक्रम न केवल दिव्यांगजनों के लिए एक प्रेरणा बना, बल्कि उनके आत्मनिर्भर बनने के मार्ग को भी प्रशस्त किया।

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