सुपौल। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों की याद में गुरुवार को एसएसबी 45वीं वाहिनी मुख्यालय एवं सभी सीमा चौकियों पर शहीद दिवस मनाया गया। इस दौरान जवानों ने दो मिनट का मौन धारण कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
एसएसबी 45वीं बटालियन के कमांडेंट गौरव सिंह ने कहा कि 30 जनवरी को संपूर्ण देश उन वीर शहीदों को सम्मान के साथ याद करता है, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जिन्होंने अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर अंग्रेजों को भारत से बाहर करने में अहम भूमिका निभाई, उनकी पुण्यतिथि को ही शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कमांडेंट ने कहा कि 30 जनवरी 1948 का दिन इतिहास के सबसे दुखद दिनों में शुमार है, जब नाथूराम गोडसे ने गांधीजी की हत्या कर दी थी। वे उस दिन भी रोज की तरह शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे थे, तभी उन्हें गोली मार दी गई। इस दौरान गांधीजी के मुख से अंतिम शब्द "हे राम" निकले और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
उन्होंने आगे कहा कि गांधीजी अपने विचारों और सिद्धांतों के कारण अपने जीवनकाल में ही चर्चित थे, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद पूरी दुनिया में उन्हें और भी अधिक सम्मान मिलने लगा। उनके विचार आज भी समाज के लिए प्रेरणादायक हैं। इस अवसर पर एसएसबी के जवानों ने राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा दोहराई और स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को नमन किया।
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