सुपौल। शिक्षा विभाग ने अपार आईडी निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाले 117 निजी स्कूलों पर शिकंजा कसते हुए 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई जिले के निजी स्कूलों द्वारा बार-बार अल्टीमेटम के बावजूद अपार आईडी निर्माण में रूचि नहीं दिखाने के कारण की गई है। जुर्माना राशि जमा करने के लिए दो दिनों की समयसीमा दी गई है। ऐसा न करने पर संबंधित स्कूलों का रजिस्ट्रेशन और यू-डाइस रद्द करने की चेतावनी दी गई है।
शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी और निजी स्कूलों में नामांकित छात्रों का अपार आईडी बनाया जा रहा है। 23 दिसंबर को विभाग ने सभी स्कूलों को तीन दिनों के अंदर अपार आईडी निर्माण का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद जिले के 117 निजी स्कूलों ने अब तक इस प्रक्रिया को शुरू नहीं किया है।
02 जनवरी को समीक्षा के दौरान पता चला कि इन स्कूलों में अपार आईडी निर्माण की रिपोर्ट शून्य है। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) संग्राम सिंह ने सभी 117 स्कूलों पर जुर्माना लगाते हुए आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि अगर दो दिनों के अंदर जुर्माना राशि विभाग द्वारा दिए गए अकाउंट में जमा नहीं की गई, तो स्कूलों का रजिस्ट्रेशन और यू-डाइस रद्द कर दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग द्वारा लगाए गए जुर्माने में सुपौल प्रखंड के 30, बसंतपुर के 9, छातापुर के 7, किशनपुर के 4, मरौना के 5, निर्मली के 4, पिपरा के 17, प्रतापगंज के 2, राघोपुर के 13, सरायगढ़ के 3 और त्रिवेणीगंज के 22 निजी स्कूल शामिल हैं।
इस कार्रवाई के बाद निजी स्कूलों में हड़कंप मच गया है। कई स्कूलों के संचालकों ने जुर्माना राशि जल्द जमा करने की बात कही है, जबकि कुछ ने विभाग से समय बढ़ाने की अपील की है। अपार आईडी छात्रों का एक अद्वितीय पहचान पत्र है, जिसे शिक्षा प्रणाली को डिजिटाइज और व्यवस्थित करने के लिए बनाया जा रहा है। राज्य सरकार ने इसे अनिवार्य किया है, ताकि छात्रों का रिकॉर्ड बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सके।
राज्य और जिला शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि यदि निर्धारित समय में जुर्माना राशि जमा नहीं की गई और अपार आईडी निर्माण शुरू नहीं हुआ, तो स्कूलों का संचालन लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। यह कदम शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
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