सुपौल। समाहरणालय स्थित लहटन चौधरी सभागार भवन में बुधवार को डीएलसीसी और डीएलआरसी की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी कौशल कुमार ने की, जिसमें उप विकास आयुक्त सुधीर कुमार, अपर समाहर्ता आपदा कुमार निशांत, वरीय उप समाहर्ता बैंकिग एवं महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र मनोज कुमार, बैंकों के समन्वयक और आरसेटी के निदेशक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में जिलाधिकारी ने जिले के एसीपी (एग्रीगेटेड क्रेडिट प्लान) प्रतिशत पर चर्चा की, जो सितंबर 2024 त्रैमासिक में 82.96 प्रतिशत रहा, जो पिछले साल की तुलना में अच्छा प्रदर्शन है। साथ ही, जिले का सीडी (क्रेडिट डिपॉजिट) प्रतिशत 67.88 प्रतिशत बताया गया। डीएम ने बैंकों के प्रतिनिधियों से एसीपी पर चर्चा की और जिन बैंकों का प्रदर्शन बेहतर नहीं है, उन्हें अधिक से अधिक लोन स्वीकृत कर वितरण करने का निर्देश दिया। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2023-24 में शत-प्रतिशत एसीपी हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया।
इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने विभिन्न योजनाओं जैसे पीएमईजीपी, डेयरी, फिसरी, एनीमल हसबेंडरी और एसएचजी पर बैंकों में पेंडिंग आवेदनों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने संबंधित विभागों को नए आवेदन जेनरेट कर बैंकों को भेजने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने सभी बैंकों को एपीवाई, पीएमजेजेबीवाई और एमएसबीवाई जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से लोगों को लाभान्वित करने का भी निर्देश दिया। साथ ही, बैंकों को सकारात्मक सोच के साथ काम करने की सलाह दी।
आरसेटी के निदेशक ने संस्थान द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विवरण पेश करते हुए कहा कि जिले में आरसेटी द्वारा 100 प्रतिशत से ज्यादा प्रशिक्षण लक्ष्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बैठक के दौरान, सभी संबंधित अधिकारियों और बैंकों के प्रतिनिधियों ने जिले की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने और अधिक से अधिक लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए अपने सुझाव दिए।
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