सुपौल। राघोपुर प्रखंड के हुलास पंचायत में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन कथावाचक आचार्य सत्यम कुमार शास्त्री ने श्रद्धालुओं को गृहस्थ आश्रम धर्म, वानप्रस्थ धर्म, यती धर्म, और सन्यासियों के धर्म के रहस्यों पर प्रकाश डाला। आचार्य शास्त्री ने कथा के दौरान मानव जीवन के महत्वपूर्ण धर्मों का व्याख्यान करते हुए बताया कि गृहस्थाश्रम में रहते हुए सभी मर्यादाओं का पालन करना परम कर्तव्य है।
आचार्य शास्त्री ने कहा कि भगवान राम और भगवान शिव ने अपने परिवार में गृहस्थ आश्रम का पालन करते हुए प्रेम, सौहार्द और भाईचारे की जो शिक्षा दी है, वह प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में उतारनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जब तक व्यक्ति शास्त्रों के अनुसार गृहस्थाश्रम का पालन नहीं करेगा, तब तक उसे परम गति और परम कल्याण प्राप्त नहीं हो सकता।
कथा यज्ञ के मुख्य यजमान अभेन्द्र झा, सुधा देवी और समस्त ग्रामवासी भक्तिभाव से कथा का श्रवण कर रहे हैं। इस दिन की कथा में इंद्र यज्ञ निवारण, ब्रह्म का मोह भंग, वेणु गीत, रास महारास, गोपी विरह गीत, कृष्ण बलराम का यज्ञोपवीत संस्कार और भगवान के मथुरा गमन जैसे महत्वपूर्ण प्रसंगों का वर्णन किया गया।
साथ ही, वैदिक पंडित शुभम झा द्वारा किया जा रहा परायण पाठ पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना रहा है। श्रवणकर्ताओं ने कथा से गहरी आस्था और समर्पण का प्रदर्शन किया, जिससे धार्मिक वातावरण और भी सुदृढ़ हुआ।
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