सुपौल। बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है। 20 वर्षों के कठिन संघर्ष और तपस्या के बाद जनवरी से नियोजित शिक्षक सरकारी शिक्षक बनने जा रहे हैं। यह बातें बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष पंकज कुमार सिंह ने संघ कार्यालय टीचर्स कॉलोनी चकला निर्मली में आयोजित संघ के स्थापना दिवस पर कही। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में कई शिक्षक साथियों ने अपनी जान गंवाई है, तो कईयों ने नौकरी खो दी।
बताया कि मैं स्वयं 15 माह तक निलंबित रहा और दर्जनों मुकदमों का सामना किया। अब जब यह संघर्ष इस मुकाम तक पहुंचा है, तो हमारा अगला लक्ष्य सेवा निरंतरता, पुराना वेतन और पुरानी पेंशन को हासिल करना है। इसके लिए सभी शिक्षकों से चट्टानी एकता बनाए रखने की अपील है।
श्री सिंह ने शिक्षकों को विद्यालय की व्यवस्था को मजबूत बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि आपने 15 करोड़ से अधिक बच्चों को स्कूल से जोड़ा है, जो कभी खेत-खलिहानों में काम करते थे। आज सरकार भी विद्यालयों के उत्थान के लिए समुचित संसाधन उपलब्ध करा रही है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि पूरे मनोयोग से पठन-पाठन को मजबूत करें, ताकि बिहार का नाम देश-दुनिया में ऊंचा हो।
कार्यक्रम में स्थानीय समस्याओं को लेकर चर्चा की गई। पंकज कुमार सिंह ने बताया कि कालबद्ध प्रोन्नति और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी से आग्रह किया गया है और जल्द ही समाधान की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए शिक्षकों के लिए भी समाधान का रास्ता खोजा जा रहा है।
संघ के जिला संरक्षक सुनील कुमार यादव ने कहा कि यह सफलता संघ की एकता और संघर्ष का परिणाम है। अब हमें और अधिक मजबूती से अपने अधिकारों के लिए काम करना होगा। कार्यक्रम में संघ के जिला कोषाध्यक्ष अनिल कुमार, प्रदेश प्रतिनिधि रोशन कुमार, जिला उपाध्यक्ष श्रवण चौधरी, जिला सचिव मनोज कुमार रजक, अनुमंडल संयोजक पिंकू दास, प्रकाश कुमार सुमन, जिला अनुशासन समिति सचिव निशार अहमद और अन्य प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।
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