दरभंगा। एलएन मिथिला विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सेमिनार शृंखला के क्रम में 'मैनेजिंग अकैडमिक स्ट्रेस' विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और संसाधन व्यक्ति के रूप में प्रो निरंजन प्रसाद यादव, विभागाध्यक्ष, स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग, तिलकामाझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने भाग लिया।
प्रो. यादव ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के प्रति किए जा रहे निरंतर जागरूकता प्रयासों को सराहा और उसे अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपने कार्य के प्रति ईमानदार और सचेत रहता है, उसे तनाव के बजाय कार्य में आनंद प्राप्त होता है। तनाव को लेकर उन्होंने कहा कि यह आज के समय में एक ग्लोबल समस्या बन चुकी है। तनाव से बचाव के लिए उनका सुझाव था कि अगर हम रुचि और लगन से अपना काम करें, तो तनाव से बचा जा सकता है।
कोविड-19 महामारी के बाद बच्चों और युवाओं में शिक्षा संबंधी तनाव में वृद्धि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक है, क्योंकि तनाव से न केवल मानसिक स्थिति, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है। उन्होंने बच्चों और युवाओं को समय प्रबंधन, स्वस्थ जीवनशैली, योग, व्यायाम, और डिजिटल डिटोक्स को अपनाने की सलाह दी। इसके साथ ही, उन्होंने शिक्षकों, अभिभावकों और समाज के अन्य लोगों से भी अपील की कि वे बच्चों के तनाव प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभाएं।
कार्यक्रम का संचालन अमृत कुमार झा ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अनिश अहमद ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं जैसे रोहित कुमार सिंह, प्रेम कुमार, दयानंद साहु, प्रतिभा कुमारी, और अमन मिश्रा सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थीं। स्वागत भाषण प्रो. मनसा कुमारी सुल्तानिया और विषय प्रवेश प्रो. ध्रुव कुमार ने किया।
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