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वीर लोरिक महोत्सव का हुआ शुभारंभ, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजी महफिल



सुपौल। सदर प्रखंड के हरदी वन दुर्गा मंदिर परिसर में गुरुवार को तीन दिवसीय वीर लोरिक महोत्सव का  उद्घाटन विधायक रामविलास कामत, एमएलसी डॉ. अजय कुमार सिंह, एडीएम रशीद कलीम अंसारी, डीडीसी सुधीर कुमार, एसडीएम इंद्रवीर कुमार और अन्य प्रमुख जनप्रतिनिधियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए जागरूकता स्टॉल का उद्घाटन भी किया गया।



महोत्सव के उद्घाटन के बाद विधायक और एमएलसी ने वन दुर्गा मंदिर, कार्यक्रम स्थल, कुश्ती स्थल और मूर्ति निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने जीविका, आइसीडीएस, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, सहकारिता विभाग, विद्युत विभाग, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन समेत अन्य विभागों के स्टॉल का जायजा लिया। 



अतिथियों ने वीर लोरिक की बहादुरी और उनके संघर्षों को याद करते हुए कहा कि वीर लोरिक एक महान योद्धा और धर्मात्मा थे, जिनकी कर्मभूमि हरदी थी। उन्होंने सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए संघर्ष किया। महोत्सव में भाग लेने वाले लोग वीर लोरिक के जीवन से प्रेरणा लें और समाज में हो रहे अत्याचारों का विरोध करें।



महोत्सव की अगली कड़ी में सुरों की महफिल सजी। जहां सुप्रसिद्ध गजल और सूफी गायक कुमार सत्यम ने अपनी गायकी से सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने प्रसिद्ध गजलों जैसे "हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह" और "खामोशां लब हैं झुकी हैं पलकें" गाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया। जिसके बाद दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।



इसके बाद शशि प्रभा ने भी अपने सूफी गीतों से दर्शकों का मन मोह लिया। उन्होंने "लाल मेरी पट रखियो बल झूले लालन" जैसे भक्ति गीत गाए, जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा। महोत्सव में संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ वीर लोरिक के जीवन और उनकी संस्कृति की गहरी छाप भी दिखाई दी।



महोत्सव को लेकर आयोजन स्थल और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिसमें महिला और पुरुष पुलिस बल सहित सैंकड़ों पुलिसकर्मी तैनात थे।

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