सुपौल। संतमत सत्संग मंदिर, पिपराही में शुक्रवार को महर्षि संतसेवी जी महाराज की पावन जयंती श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातःकालीन सत्संग से हुई, जिसमें स्तुति विनती, ग्रंथ पाठ और प्रवचन का आयोजन किया गया। इसके बाद विशाल भंडारा में श्रद्धालुओं ने सहभागिता की।
अपराह्नकालीन सत्संग में स्तुति विनती और प्रवचन के साथ भजन-कीर्तन का भव्य आयोजन हुआ। इस दौरान सिंहेश्वर से पधारे स्वामी बलदेव दास जी महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जो महावीर होते हैं, वही संतसेवी होते हैं। महर्षि मेही परमहंस जी महाराज के मस्तिष्क स्वरूप संतसेवी जी महाराज ने आजीवन अपने गुरु की सेवा और संतमत के प्रचार-प्रसार में योगदान दिया। मानव जीवन का उद्देश्य परमात्मा की खोज है, जो प्रेम और भक्ति के साथ गुरु निर्देशित मार्ग पर चलने से ही संभव है।
कार्यक्रम में संरक्षक संतोष कुमार दास, सुमन पराग, शुभम राज, ध्रुव कांत दास, अभिनव सहित दर्जनों सत्संगी मौजूद रहे। मंच की अध्यक्षता राम कुमार कर्ण ने की।
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