सुपौल। प्रतापगंज प्रखंड चिकित्सा प्रभारी डॉ. प्रसन्ना कुमार सिंह के नेतृत्व में शनिवार को प्रखंड क्षेत्र के नर्सिंग होम की औचक जांच की गई, जिससे संचालकों में हड़कंप मच गया। कई नर्सिंग होम संचालक जांच टीम के आने की सूचना मिलते ही फरार हो गए।
डॉ. प्रसन्ना कुमार सिंह ने बताया कि प्रखंड मुख्यालय सहित सुरजापुर पंचायत के 12 नर्सिंग होम का निरीक्षण किया गया। इस दौरान अधिकांश नर्सिंग होम संचालकों ने न तो अपना रजिस्ट्रेशन पेपर और न ही लाइसेंस का प्रमाण प्रस्तुत किया। इसके बाद डॉ. प्रसन्ना ने नर्सिंग होम को तत्काल बंद करने की चेतावनी दी और कहा कि किसी भी नर्सिंग होम को विधिवत रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के बिना चलाना कानूनी अपराध है।
जांच टीम के पहुंचने की जानकारी मिलने पर कई नर्सिंग होम संचालक फरार हो गए। हालांकि, उनके खिलाफ भी कड़ी चेतावनी दी गई है कि अगर वे अवैध रूप से नर्सिंग होम चलाते पाए गए, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस मौके पर डॉ. प्रसन्ना ने एक और गंभीर घटना का उल्लेख किया, जिसमें थाना क्षेत्र के इटवा गांव में एक ग्रामीण चिकित्सक द्वारा बिना पूरी जानकारी के इलाज करने से एक महिला की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण चिकित्सकों को पीएचसी में प्रशिक्षित किया गया है और उनका कर्तव्य केवल प्राथमिक उपचार देना और मरीज को पीएचसी भेजना है। बिना उचित ज्ञान के इलाज करने पर ऐसी घटनाएं हो सकती हैं।
जांच टीम में डॉ. प्रसन्ना कुमार सिंह के साथ बीएचएम सुजीत कुमार, बीसीएम प्रफ्फूल कुमार, एमएनई संजू कुमार, ईएमटी नेपाली सिंह केशरी शामिल थे।
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