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त्रिवेणीगंज : विश्व मानवाधिकार दिवस पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन, मानवाधिकारों की महत्वता पर हुई चर्चा



सुपौल। राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की प्रथम, द्वितीय और तृतीय इकाइयों द्वारा अनूपलाल यादव महाविद्यालय त्रिवेणीगंज में विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयदेव प्रसाद यादव की अध्यक्षता में हुआ, जबकि एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी एवं जिला नोडल पदाधिकारी प्रो. विद्यानंद यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया।

संगोष्ठी में प्राचार्य डॉ. जयदेव प्रसाद यादव ने मानवाधिकार के महत्व पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि किसी भी व्यक्ति का जीवन, स्वतंत्रता, समानता और सम्मान उसके मूल अधिकार हैं। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार व्यक्ति के समुचित विकास के लिए आवश्यक हैं, और किसी भी समाज या राष्ट्र का विकास तभी संभव है जब वहां के लोगों के अधिकारों का संरक्षण किया जाए।

प्रो. विद्यानंद यादव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 10 दिसंबर 1948 को मानवाधिकारों की रक्षा के लिए विश्व मानवाधिकार दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। भारत में यह कानून 1993 में लागू हुआ और 1993 में मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों में नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की गई है, जो सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों से जुड़े हैं।

कार्यक्रम में उन्होंने मानवाधिकारों के घोषणापत्र को भी साझा किया, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आवास और समानता जैसे मूलभूत अधिकारों का उल्लेख किया गया। प्रो. यादव ने कहा कि आज भी दुनिया के कई हिस्सों में अशिक्षा, भुखमरी और बेरोजगारी जैसी समस्याएं मानवाधिकारों की रक्षा में बड़ी बाधक बनी हुई हैं।

इस वर्ष के विश्व मानवाधिकार दिवस का थीम "असमानताओं को कम करना और मानवाधिकारों को बढ़ाना" है। उन्होंने एनएसएस स्वयंसेवकों से अपील की कि वे मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाएं और एक सभ्य, स्वच्छ एवं विकसित समाज की दिशा में योगदान करें।

कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक प्रो. अशोक कुमार, प्रो. अरुण कुमार, प्रो. शंभू यादव, प्रो. कुमारी पूनम, कम्युनिटी कॉलेज के सोनू स्नेहिल, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष अनुपम कुमार और अन्य शिक्षकेतर कर्मचारी एवं एनएसएस के स्वयंसेवक भी उपस्थित थे।

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