सुपौल। सदर अस्पताल में सोमवार को मिशन परिवार विकास अभियान के अंतर्गत परिवार नियोजन पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मेला का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर परिवार नियोजन के विभिन्न उपायों पर आधारित स्टॉल लगाए गए, जहां आम जनता को विस्तृत परामर्श दिया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य जिले में प्रजनन दर को नियंत्रित करना और दंपतियों को परिवार नियोजन के विभिन्न विकल्पों के प्रति जागरूक करना है।
यह पखवाड़ा 18 नवम्बर से 30 नवम्बर तक चलने वाला है, जिसमें पुरुष नसबंदी, महिला बंध्याकरण, पीपीआईयूसीडी, कॉण्डोम, इमरजेंसी पिल, अंतरा, और छाया जैसे उपायों के बारे में जागरूकता फैलाने का कार्य किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान, सिविल सर्जन सुपौल ने लोगों को परिवार नियोजन के अस्थायी और स्थायी उपायों के लाभों के बारे में बताया और उन्हें इसे अपनाने की अपील की।
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ए.एस.पी. सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक दंपति को छोटा परिवार रखने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि वे अपने बच्चों की बेहतर देखभाल कर सकें। जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो. मिनातुल्लाह ने बताया कि इस अभियान के तहत परिवार नियोजन के विभिन्न उपायों से संबंधित जागरूकता फैलाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि लोग अपनी जरूरत के अनुसार इन उपायों को अपनाएं।
कार्यक्रम के दौरान एएनएम और जीएनएम स्कूल के छात्रों ने भाषण और लोक संवाद के माध्यम से परिवार नियोजन के महत्व को जन-जन तक पहुंचाया। इसके साथ ही, पुरुष नसबंदी और महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थियों को वित्तीय सहायता दी जाती है, जैसे पुरुष नसबंदी कराने पर 3000 रुपये और महिला बंध्याकरण के लिए गर्भपात उपरांत 2000 रुपये की क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाती है। इस कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ए.एस.पी. सिन्हा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो. मिनातुल्लाह, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक अभिषेक कुमार, अस्पताल प्रबंधक अभिनव आनंद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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