सुपौल। सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रांगण में शुक्रवार को आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया। करीब दस बजे सुबह, सभी आशा कार्यकर्ता सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए।
धरना की अध्यक्षता कर रही संगठन की संयोजिका उषा सिन्हा ने कहा कि कोरोना काल में आशा कार्यकर्ताओं को यह कह कर काम करने के लिए प्रेरित किया गया था कि उन्हें कोरोना भत्ता मिलेगा, लेकिन वह भत्ता आज तक नहीं मिला है। इसके अलावा, जब आशा कार्यकर्ताओं ने 33 दिनों तक हड़ताल की थी, तो बिहार सरकार ने यह वादा किया था कि उन्हें ढाई हजार रुपये वेतन मिलेगा, जो अभी तक प्राप्त नहीं हुआ।
उषा सिन्हा ने यह भी कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को आयुष्मान और आभा कार्ड बनाने की जिम्मेदारी दी गई है, जिसका वे बहिष्कार करेंगे। उनका कहना था कि जब तक सरकार आशा कार्यकर्ताओं को उचित वेतन नहीं देती, तब तक वे अतिरिक्त कार्यों को नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को बंधुआ मजदूर की तरह काम करने पर मजबूर कर दिया है।
धरना पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं ने आयुष्मान और आभा कार्ड का बहिष्कार करते हुए आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया। इस दौरान ममता देवी, ललिता देवी, जयंती देवी, अंजु कुमारी, सुजाता देवी, संजना कुमारी, नीलम देवी, ममता कुमारी, प्रेमशीला कुमारी, रेखा देवी, उषा देवी, सुधा कुमारी, गीता कुमारी सहित कई अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थीं।
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