सुपौल। जिले के गांधी मैदान परिसर में शुक्रवार को स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के निधन पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में नगर परिषद के मुख्य पार्षद राघवेंद्र झा राघव के नेतृत्व में भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
मुख्य पार्षद श्री राघव ने शारदा सिन्हा की योगदान को याद करते हुए कहा कि भले ही वे अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा गाए गए गीतों की ध्वनि हमेशा जीवित रहेगी। उन्होंने बताया कि शारदा सिन्हा ने एक साधारण गांव से निकल कर न सिर्फ सुपौल, बल्कि पूरे बिहार और भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। विशेष रूप से उनके छठ गीतों की लोकप्रियता ने उन्हें एक अलग पहचान दिलाई।
श्री राघव ने कहा कि शारदा सिन्हा के गीत बिहार की विवाहों में जैसे 'राष्ट्र गीत' की तरह गाए जाते थे और उनकी मैथिली गाने ने भाषाई दीवारों को पार कर एक नया आयाम प्रस्तुत किया। उनके योगदान को देखते हुए उन्होंने शारदा सिन्हा को भारत रत्न देने की मांग भी की।
श्रद्धांजलि सभा में नगर परिषद के कई गणमान्य लोग और समाजसेवी उपस्थित थे, जिनमें नागेन्द्र नारायण ठाकुर, डॉ. विजय शंकर चौधरी, अमर कुमार चौधरी, मो. जमालउद्दीन, डॉ. राजाराम गुप्ता, सुब्रत मुखर्जी, विनय भूषण सिंह, रामदेव सिंह, कन्हैया सिंह, जावेद अख्तर सहित अन्य स्थानीय लोग शामिल थे।
इस श्रद्धांजलि सभा में शारदा सिन्हा की कृतियों और उनके योगदान पर विस्तृत चर्चा की गई, और उनके प्रति अपार सम्मान व्यक्त किया गया।
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