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चौघारा में आयोजित 12 दिवसीय लोक देवता महोत्सव-2024 का हुआ शानदार समापन




सुपौल। सदर प्रखंड के चौघारा ग्राम में आयोजित 12 दिवसीय लोक देवता महोत्सव-2024 का हर्षोल्लास के साथ समापन हुआ। इस महोत्सव में धर्म और भारतीय संस्कृति से जुड़े विविध कार्यक्रमों ने न केवल दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी, बल्कि लोक देवता की जीवन गाथाओं पर आधारित नृत्य, झांकी, गीत-संगीत ने उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया।

महोत्सव के समापन अवसर पर लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने कहा, "सभ्यता और संस्कृति किसी भी देश की आत्मा होती है। लोक देवता सम्पूर्ण समाज की धरोहर हैं, और यह महोत्सव बिहार में पहली बार चौघारा की पावन धरती पर आयोजित हुआ है।" उन्होंने कहा कि लोक देवताओं की जीवन गाथाएं और उनके द्वारा बताए गए मार्ग समाज में शुद्धता और धार्मिक एकता के लिए एक मजबूत आधार साबित हुई हैं।

डॉ. कुमार ने महोत्सव के आयोजन के लिए सरकार से विशेष दिलचस्पी दिखाने की अपील की और यह आश्वासन दिया कि बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग से इस महोत्सव को मंजूरी दिलाने के लिए पहल की जाएगी।

इस आयोजन में शामिल कलाकारों, अतिथियों, आयोजन समिति के सदस्यों और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित भी किया गया। महोत्सव में कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए कार्यक्रमों ने ऐसा समा बांधा कि क्षेत्रवासी झूमने पर मजबूर हो गए।

बाबा बैधनाथ चौघारा ट्रस्ट और श्री कृष्ण सुदामा ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सौजन्य से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और भारतीय संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति हुई। इस अवसर पर बद्री प्रसाद यादव, गणेश यादव, भगवान दत्त यादव, शंभू यादव, कृष्ण कुमार, सुधीर यादव समेत कई अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने अपने योगदान से महोत्सव को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस महोत्सव का आयोजन आने वाली पीढ़ी के लिए एक अमूल्य धरोहर साबित होगा और यह भारतीय संस्कृति के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम रहेगा।


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