Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News

latest

सुपौल अभियंत्रण महाविद्यालय और गरुड़ा एरोस्पेस के बीच हुआ ऐतिहासिक समझौता


  •  ड्रोन प्रौद्योगिकी में दिया जायेगा प्रशिक्षण 




सुपौल। भारत की प्रमुख ड्रोन निर्माण कंपनी, गरुड़ा एरोस्पेस और सुपौल अभियंत्रण महाविद्यालय के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत कॉलेज में ड्रोन प्रौद्योगिकी पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे छात्रों को इस तेजी से विकसित हो रही तकनीक में विशेषज्ञता हासिल हो सकेगी। इस अवसर पर एक भव्य आयोजन किया गया, जिसमें गरुड़ा एरोस्पेस और सुपौल अभियंत्रण महाविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रशिक्षण का उद्देश्य

इस नए प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को ड्रोन सिस्टम के बारे में प्रायोगिक अनुभव प्रदान करना है, ताकि वे कृषि, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और अन्य क्षेत्रों में ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकें।

कौशल विकास के अवसर

गरुड़ा एरोस्पेस कॉलेज को अत्याधुनिक ड्रोन किट्स, विशेषज्ञ प्रशिक्षक और तकनीकी समर्थन प्रदान करेगा। इस प्रशिक्षण के माध्यम से छात्रों को ड्रोन के निर्माण, संचालन और विभिन्न उपयोगी क्षेत्रों में काम करने का अवसर मिलेगा। सुपौल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ए. एन. मिश्रा ने कहा, "यह साझेदारी हमारे छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है।"

नियोजन एवं प्रशिक्षण पदाधिकारी श्री कमल राज प्रवीण ने बताया कि ड्रोन प्रौद्योगिकी से छात्रों की तकनीकी क्षमताओं में वृद्धि होगी, जिससे वे भविष्य की तकनीकी दुनिया में मजबूती से कदम रख सकेंगे। असिस्टेंट टीपीओ श्री विवेक कुमार ने कहा, "हमें गर्व है कि सुपौल कॉलेज अब इस क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र बन रहा है।"

समझौते के उद्देश्य

इस समझौते का उद्देश्य गरुड़ा एरोस्पेस और सुपौल अभियंत्रण महाविद्यालय की विशेषज्ञता को मिलाकर सामूहिक रूप से ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास करना है। दोनों पक्ष इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आवश्यक संसाधन समर्पित करेंगे और इसके लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करेंगे।

सहयोग के क्षेत्र

इस समझौते में निम्नलिखित क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर बल दिया गया है:

(A) शोध और विकास: दोनों संस्थान मिलकर ड्रोन प्रौद्योगिकी पर शोध करेंगे, ताकि नई तकनीकों और समाधानों का विकास हो सके।

(B) प्रशिक्षण: दोनों संस्थान छात्रों और फैकल्टी को ड्रोन प्रौद्योगिकी के प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करेंगे।

(C) सेवा और रखरखाव: गरुड़ा एरोस्पेस, सुपौल कॉलेज के छात्रों और फैकल्टी को ड्रोन के सेवा और रखरखाव में प्रशिक्षण देगा।

(D) शैक्षणिक सलाहकार भूमिका: गरुड़ा एरोस्पेस सुपौल कॉलेज के शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए विशेषज्ञ सलाह प्रदान करेगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन प्रौद्योगिकी की महत्ता

सुपौल जैसे ग्रामीण जिले में ड्रोन प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण कृषि, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नई संभावनाओं को जन्म देगा। ड्रोन का उपयोग खेतों की निगरानी, फसल मूल्यांकन, आपदाओं के समय सहायता और पर्यावरणीय सर्वेक्षण के लिए किया जा सकता है।

गरुड़ा एरोस्पेस के सीईओ, अग्निश्वर जया प्रकाश ने कहा, "हमारा उद्देश्य युवाओं को ड्रोन प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण देकर उन्हें नई दिशा देना है। इस साझेदारी के माध्यम से हम छात्रों को वास्तविक दुनिया की समस्याओं के समाधान में ड्रोन के उपयोग के लिए तैयार करेंगे।"

छात्रों के लिए नए अवसर

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत छात्रों को ड्रोन के संचालन की समझ के साथ-साथ विभिन्न उद्योगों में ड्रोन तकनीक के उपयोग के नए तरीके भी सीखने को मिलेंगे। इससे उन्हें कृषि, आपातकालीन सेवाओं, पर्यावरण निगरानी और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।

भविष्य की दिशा

इस पहल के जरिए सुपौल अभियंत्रण महाविद्यालय को न केवल बिहार में, बल्कि पूरे भारत में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान मिलने की संभावना है। ड्रोन प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण छात्रों को तकनीकी उन्नति की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाएगा, जिससे वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हो सकेंगे।


कोई टिप्पणी नहीं