सुपौल। अभियंत्रण महाविद्यालय सुपौल में आर्थिक अपराध इकाई, बिहार पुलिस और सी-डैक के सहयोग से साइबर सुरक्षा और सजगता पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. अच्युतानंद मिश्रा ने बताया कि यह कार्यक्रम बिहार साइबर सेफ्टी एंड सिक्योरिटी अवेयरनेस सप्ताह (21-25 अक्टूबर 2024) के तहत आयोजित किया गया है।
इस कार्यक्रम में छात्रों को साइबर अपराध की जानकारी दी गई और उनसे बचाव के तरीके बताए गए। प्रो. कमल राज प्रवीण ने बताया कि साइबर फ्रॉड निरंतर नए-नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, खासकर सोशल मीडिया पर महिलाएं भी इनका शिकार हो रही हैं।
प्रो. गौरव कुमार ने कहा कि आज के दौर में लोग जितने हाईटेक हो रहे हैं, उतनी ही ठगी का खतरा भी बढ़ रहा है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से लड़कियों को टारगेट किया जा रहा है और उन्हें गलत तरीके से फंसाकर ब्लैकमेल किया जा रहा है। उन्होंने सलाह दी कि लोगों को अपनी व्यक्तिगत फोटो को इंटरनेट पर अपलोड करने से बचना चाहिए।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए डायल 112 और साइबर सुरक्षा हेल्पलाइन 1930 की जानकारी दी गई। प्रो. पम्मी कुमारी ने बताया कि आजकल मैट्रिमोनियल फ्रॉड भी बढ़ रहे हैं, और उनसे बचने के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि यदि कोई नौकरी के नाम पर पैसे की मांग करे या सोशल साइट पर तंग करे, तो तुरंत अपने अभिभावकों या शिक्षकों से संपर्क करें।
कार्यक्रम में प्रदीप कुमार, स्टार्टअप कोऑर्डिनेटर, ने मास्टर ट्रेनर की भूमिका निभाई। इस अवसर पर प्रो. शादाब आजम सिद्दीकी, मोहर पाठक, विजय मंडल और अन्य प्राध्यापकों ने भी अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित करने में रविरंजन वर्मा, पुरुषोत्तम कुमार, निशांत वर्मा, रोहित राज और आयुष राज की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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