उन्होंने कहा कि सिद्धांतों की बलि देने से सुख नहीं मिलता और भागवत प्राप्ति के लिए संयमित और योगपूर्ण जीवन आवश्यक है। उन्होंने महर्षि कर्दम जी और गज-ग्राह की कथा के माध्यम से जीवन के विकट परिस्थितियों में ज्ञानपूर्ण जीवन की महत्ता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम को सफल बनाने में परमानंद मिश्र, ललित मिश्र, बिजेंद्र मिश्र सहित कई लोगों का योगदान रहा।
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