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लोगों की चाहत बन रही त्रिधुव्रीय जन सुराज अभियान-देवेन्द्र




सुपौल। जिला मुख्यालय स्थित व्यापार संघ के सभागार में रविवार को जन सुराज में जुड़े साथियों की एक आवश्यक बैठक अनुमंडल संयोजक उमेश कुमार ठाकुर के अध्यक्षता एवं जिला कार्यालय प्रभारी डाॅ. अमन कुमार के संचालन में सम्पन्न हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुए भारत सरकार के पूर्व केन्द्रीय मंत्री-सह-लाल कार्ड के सूत्रधार देवेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार में सबसे पहले कोसी अंचल में ही समाजवाद का आगाज हुआ था। सुपौल, सहरसा, मधेपुरा ऐतिहासिक व समाजवादी धरती है। डॉ. लोहिया जी के नेतृत्व में मधुलिमय, जाॅर्ज फर्नाडिस, बाबू भूपेन्द्र नारायण मंडल, अशेश्वर गोईत, अनुप लाल यादव, विनायक प्रसाद यादव, परमेश्वर कुवँर जैसे दर्जनों समाजवादी नेताओं ने यह बीड़ा उठाने का काम किये थे। तत्पश्चात् मधुबनी जिले के फुलपरास विधानसभा की सदस्यता से समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर जी के लिये त्याग पत्र देने का मुझे ही सौभाग्य मिला था। 

कहा कि मैंने समाजवादी कार्यक्रमों को बल देने के लिये वर्ष 1996 में भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री के रूप में देश के 36 करोड़ गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाले लोगों के लिए दो रुपया किलो गेहूं, तीन रुपया किलो चावल यानी सस्ता अनाज योजना की स्वीकृति केन्द्रीय मंत्री मंडल से दिलाने में कामयाब हो पाए थे। बिहार की बदहाली का जिक्र करते हुए श्री यादव ने कहा कि बिहार में 34 वर्षों से सत्ता-शासन मुखौटाधारी समाजवादी के द्वारा चलाया जा रहा है। आम लोगों को बुनियादी मुद्दों से भटका कर जातीय गोलबंदी एवं धार्मिक भावनाओं की सौदागिरी चलाकर अपनी-अपनी राजनीतिक रोटी सेकते आ रहे हैं। ऐसे राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र का नामों निशान मिट चुका है। आज समाजवादी कार्यक्रम रसातल में पहुँच चुका है। आंदोलन का जिक्र करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि समाजवादी आन्दोलनों व जे.पी. आंदोलनों से अर्जित ताकते गलत हाथों में चले जाने के कारण बिहार की यह दुर्दशा बनी हुई है। जिसके कारण बिहार में गरीबी, पिछड़ापन, पलायन, बेरोजगारी, प्रतिव्यक्ति आय, बाढ़-सुखाड़ की समस्याएँ तथा शिक्षा व्यवस्था की बदहाली देखने को मिल रहा है। कहा कि दो धुव्रीय राजनीति से लोगों का मन उचट सा गया है। लोगों की चाहत बन रही त्रिधुव्रीय जन सुराज अभियान। जो आम लोगों में चेतना जागृत कर बुनियादी समस्या के साथ-साथ समाधान की ओर आकृष्ट कर रहे है। 

2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज एक राजनीतिक दल के स्वरूप में आने वाली है। यह जन सुराज केवल सत्ता परिवर्तन नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन कर नई व्यवस्था लाने, बेहतर बिहार, पलायन मुक्त बिहार, योजना रोजगार उन्मूख बिहार, जिसकी जितनी आबादी उसको उतनी हिस्सेदारी यानि समाजवाद को पुनर्जीवित करने का कार्य करेगी तथा लोकतंत्र को जमीन पर उतार विकसित बिहार का सपना साकार करेगी। जहाँ संकल्प है वहीं विकल्प है। बैठक में जिला अध्यक्ष कृष्ण कुमार राय, ब्रजेश कुमार, इंद्रदेव साह नीलम सिंह, सीमा सिंह, उमाशंकर कामत, शशि मंडल, परमानंद कुमार पप्पू, अनिल कुमार, शम्भू यादव, अरुण यादव, शूर्यनारायण यादव, कलाधर प्रसाद यादव, मुकेश यादव, विजय कुमार विमल, . डॉ . मीनू कुशवाहा आदि ने भी अपना विचार व्यक्त किया।            

 


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