Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News

latest

प्रशांत किशोर ने बिहार में आए बाढ़ पर दिया बयान, बोले - बिहार में उचित जल प्रबंधन की योजना नहीं है, इसके कारण ही आधा बिहार बाढ़ की चपेट में आता है, इसके अलावा जल जमाव और सूखे की भी समस्या है

  • बाढ़ की चपेट में उत्तर बिहार




पटना। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार में बाढ़, जल जमाव और सूखे की गंभीर समस्याओं पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार की लगभग 50% जमीन ऐसी है, जहां बाढ़ का जोखिम है, जबकि 30% जमीन पर स्थायी जल जमाव की स्थिति है, और 25% से 27% जमीन सूखे की चपेट में है। उन्होंने विस्तार से बताया कि अगर पूरे बिहार को क्षेत्रवार देखा जाए, तो उत्तर बिहार के तराई वाले क्षेत्रों जैसे पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, अररिया, किशनगंज में बाढ़ और नदियों के कटाव की समस्याएं प्रमुख हैं। वहीं, गोपालगंज, सिवान, छपरा, वैशाली, समस्तीपुर, खगड़िया और बेगूसराय जैसे जिलों में बाढ़ की तुलना में जल जमाव की समस्या अधिक गंभीर है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि हर पंचायत और प्रखंड में हजारों एकड़ जमीन ऐसी है, जहां स्थायी रूप से पानी भरा रहता है। वहीं, गंगा के दक्षिण क्षेत्र यानी दक्षिण बिहार में सूखे की समस्या बनी हुई है। वहां पानी पहुंच ही नहीं रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब जन सुराज का विजन डॉक्यूमेंट जारी किया जाएगा, उसमें बाढ़ के बारे में कोई अलग से योजना नहीं होगी, बल्कि जल प्रबंधन से संबंधित समग्र योजना प्रस्तुत की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि विजन डॉक्यूमेंट में एक समन्वित जल प्रबंधन योजना होगी, जिसमें बाढ़, जल जमाव और सूखे को एक साथ समाधान किया जाएगा। कोसी प्लान, गंडक प्लान या सोन कनाल जैसी अलग-अलग योजनाओं के बजाय एक इंटीग्रेटेड प्लान होगा, जो तीनों समस्याओं का समग्र समाधान करेगा। 

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि बाढ़ की समस्या का एक बड़ा हिस्सा इंजीनियरों और अधिकारियों द्वारा अपने निजी लाभ के लिए बढ़ाया जा रहा है। गांवों में लोग बता रहे हैं कि ठेकेदार बांधों में खुद छेद करवाते हैं, ताकि बाढ़ नियंत्रण के नाम पर अधिक धन आवंटित किया जा सके और उसमें भ्रष्टाचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमें केवल बाढ़ नियंत्रण नहीं करना है, बल्कि इस जल को, जो अभी अभिशाप बना हुआ है, बिहार की एक बड़ी ताकत में बदलना है। चीन ने सैकड़ों साल पहले इसी तरह का समाधान कर दिखाया है। उन्होंने नदियों का ग्रिड बनाकर बाढ़, सूखे और जल जमाव की समस्याओं का हल निकाला।

कोई टिप्पणी नहीं