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श्रीमद् देवी भागवत कथा में कथावाचिका देवी मुरलिका गौड़ ने दिया संदेश



सुपौल।  जिला मुख्यालय के गांधी मैदान में आयोजित गणेश महोत्सव के अवसर पर श्रीमद् देवी भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचिका देवी मुरलिका गौड़ ने कहा कि मनुष्य का कर्म ही उसके जीवन का निर्धारण करता है। भगवत भजन में शक्ति है जो जीवन में परिवर्तन ला सकती है। उन्होंने कहा कि भगवान का नाम लेने मात्र से ही व्यक्ति भवसागर को पार कर सकता है।

कथावाचिका ने कहा कि भागवत कथा जीवन में प्रकाश का कार्य करती है और जीवन के अंधकार को दूर करने के लिए भगवत चिंतन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जीवन को सार्थक करने का एकमात्र सरल उपाय भागवत चिंतन से जुड़ना है।

कथावाचिका ने कहा कि भगवान को प्रसन्न करने का सुगम और सुलभ साधन यह है कि जो मिला है, उसी में संतुष्ट रहो, प्राणी मात्र पर दया करो, और सतत प्रभु का चिंतन करो। उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में तीन बातें बड़ी ही अनमोल हैं - समीक्षा, परीक्षा, और प्रतीक्षा। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपनी समीक्षा करनी चाहिए ना कि दूसरों की, परीक्षा अपनों की लें ना कि भगवान की, और ईश्वर मिलने की प्रतीक्षा करें।

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