पटना। जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि हम 18 महीनों से पैदल चल रहे हैं। अभी आधा बिहार ही चल पाएं हैं। यहां के नेता आधे महीने में ही पूरा बिहार चल लेते हैं। राहुल जी ने 6 महीने में पूरा देश चल लिया। बीच में वो कभी छुट्टी भी लेते हैं, घर भी जाते हैं, अमेरिका भी जाते हैं। हम छुट्टी भी नहीं लेते, घर भी नहीं जाते। 18 महीने हो गए और हम आधे बिहार में ही पदयात्रा कर पाएं हैं। ऐसा इसलिए कि हमारे काम करने का तरीका अलग है, हम उनके जितना होशियार नहीं हैं। अभी तेजस्वी यादव आए उन्होंने 7 दिनों में ही पूरे बिहार में यात्रा कर ली। नीतीश कुमार ने भी 1 महीने में बिहार का समाधान कर दिया, राहुल जी ने 6 महीने में देश का सुधार कर दिया। हममें उतनी क्षमता नहीं है, कछुए के समान हम धीरे-धीरे ही चलेंगे। पूरे बिहार की पदयात्रा करने में एक-डेढ़ साल का समय और लग सकता है। हमको कोई घबराहट नहीं है। चाहे दो वर्ष लगे या चार वर्ष। हम संकल्पित होकर आए हैं जबतक बिहार को सुधारने के लिए ये व्यवस्था न बना लें
प्रशांत किशोर ने कहा कि इस जिले के बाद हम मधेपुरा जाएंगे, वहां से सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया फिर कटिहार जाएंगे। जन सुराज को राजनीतिक दल बनाने पर कहा कि जब पदयात्रा पूरी हो जाएगी, तो दल बन जाएगा। इस पदयात्रा का दिन और किलोमीटर निश्चित नहीं है, इसका लक्ष्य निश्चित है, इस लक्ष्य को पूरा करने में कभी 20 दिन लगते हैं, तो कभी ज्यादा दिन। मान लीजिए सहरसा में इस काम को पूरा करने में 20 दिन लगेंगे, लेकिन अगर 24 दिन भी लग रहे हैं तो उस काम को पूरा करना मकसद है। बावजूद इसके कि 20 दिन में काम को कर मधेपुरा के लिए निकल जाएं। हमारे लिए ये पदयात्रा किलोमीटर पूरा करने की रिले रेस या मैराथन नहीं है।
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